यहां लावारिसों का बांधकर होता है उनका इलाज

Update: 2016-07-13 05:30 GMT
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कन्नौज। आए-दिन सुर्खियों में रहने वाला राजकीय मेडिकल काॅलेज एक बार फिर चर्चा में है। यहां मरीजों का इलाज कैसे किया जाता है ये किसी से छिपा नहीं है। मेडिकल काॅलेज की खामियां को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी स्वीकार करते हैं।

चार जुलाई को सुबह 11 बजे ज़िला अस्पताल से 108 नंबर की एंबुलेंस से एक अनजान मरीज को राजकीय मेडिकल काॅलेज में भर्ती किया गया था। बताया गया है कि उसे वार्ड ब्वाय लाया था। 13 जुलाई को सुबह सात बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इमरजेंसी वार्ड में भर्ती रहे इस अनजान मरीज के सिर में चोट लगी थी। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों और उनके तीमारदारों ने बताया कि लावारिश होने की वजह से मरीज को बेड में बांध रखा था। किसी मरीज को बेड में बांधकर इलाज करना किसी के गले नहीं उतरता है। शरीर से कमजोर मरीज को ग्लूकोज़ की बोतल इंजेक्शन आदि चढ़ाने के लिए हाथ में वीगो लगाई गई थी।

ऐसे में उसे बांधना कई सवाल खड़े करता है कि मेडिकल काॅलेज का स्टाफ उसकी सही ढंग से देखरेख नहीं करना चाहता था। 11 जुलाई को सौरिख ब्लाॅक क्षेत्र के पिपरौली गाँव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब वृक्षारोपण कार्यक्रम में आए थे तो उन्होंने भाषण के दौरान खुद स्वीकार किया था कि मेडिकल काॅलेज में कुछ कमियां और खामियां हैं, उसे दूर किया जाएगा।

  रिपोर्टर - अजय मिश्र

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