एजल (भाषा)। मिजोरम के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा ने आज कहा कि योग को लेकर विवाद की बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाना चाहिए और किसी को भी योग करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिये बल्कि यह स्वैच्छिक होना चाहिए।
शर्मा ने कहा, ‘‘मैं चार दशक से अधिक समय से योग करता रहा हूं और मैंने इसे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा पाया, लेकिन इसका मेरे धार्मिक विश्वास से कोई लेना-देना नहीं है।'' उन्होंने कहा कि योग करने का अर्थ हिंदुत्व अपनाना नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘योग को किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए और जो भी योग करना चाहे, उसे स्वेच्छा से करना चाहिए।''
अगले मंगलवार को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की कामना स्वस्थ्य मिजोरम अभियान की शुरआत के तौर पर करते हुए शर्मा ने बताया कि योग राज्य में कैंसर और एड्स, नशे एवं अन्य सामाजिक बुराइयों से लड़ने में प्रभावी हो सकता है। उन्होंने कहा कि जीवनशैली में बदलाव और व्यायाम से मिजोरम के युवा शारीरिक और मानसिक रुप से चुस्त-दुरस्त हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 प्रमुख गिरिजाघरों के समूह मिजोरम कोहरान ह्रुएट्यूट कमेटी (एमकेएचसी) ने हाल ही में राज्य के सभी गिरिजाघर सदस्यों से योग का अभ्यास करने से दूरी बनाए रखने को कहा है।