यूपी की एक सड़क बदलेगी दो लाख किसानों की ज़िंदगी

Update: 2016-08-02 05:30 GMT
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लखनऊ। 10 जिलों के 235 गाँवों में रहने वाले लगभग दो लाख ग्रामीणों की जिंदगी अक्टूबर के बाद बदल जाएगी। 

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो अक्टूबर को जब आगरा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे तब इनके लिए यूपी में रहने के मायने ही कुछ और होंगे। लखनऊ और दिल्ली के बीच इस रूट से बढ़ने वाले आवागमन के चलते न केवल रोजगार बल्कि इन ग्रामीणों का जीवनस्तर पर भी बेहतर होगा। 

सबसे अधिक फायदा किसानों को अपने विभिन्न उत्पाद आगरा और दिल्ली तक पहुंचाना पहले के मुकाबले आसान होगा। गंगा की बेल्ट से आलू, लखनऊ से आम और आगरा से विभिन्न उत्पाद प्रदेश के अन्य हिस्सों तक किसान कम समय में पहुंचा सकेंगे। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सितंबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। अब तक 85 फीसदी काम पूरा होने का दावा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्यिगक विकास प्राधिकरण कर रहा है।

सिक्सलेन को दो भागों में बांटा गया है। बीच में एक मीटर का डिवाइडर दिया गया है। सड़क के दोनों ओर वाहनों को नियंत्रित करने के लिए मेटल बीम की बाउंड्री बनाई जा रही है। हाईवे पर आबादी वाले स्थानों व ओवरपास, अंडरपास व पुलों के पास हैलोजन के जरिए रोशनी का इंतजाम किया गया है।

हाईवे सड़क से सात से 11 मीटर तक की ऊंचाई पर बन रहा है। इसके अलावा सर्विस रोड भी साथ में ही तैयार किया जा रहा है। सर्विस रोड को सुरक्षित रखने के लिए इस पर कटीले तारों की व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। राज्य सरकार केवल अपने संसाधनों से ही करीब 9800 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर रही है। आगे जाकर ये लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा। जिससे दिल्ली तक का सफर भी आसान होगा। यानी करीब 500 किलोमीटर का ये सफर मात्र छह घंटे में पूरा होगा।

लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे 10 जिलों के 235 गाँव

इन जिलों को होगा लाभ

लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, औरेया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, फिरोजाबाद और आगरा जिले के किसानों को एक्सप्रेस-वे का बहुत फायदा मिलेगा। इन जिलों के 232 गाँव एक्सप्रेस वे के तहत कवर हो रहे हैं। यूपीडा के मुख्य अभियंता विशेश्वर कुमार बताते हैं कि हम दो अक्टूबर को एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के लिए कोशिशों में लगे हुए हैं।

ऐसे बदलेगी किसानों की जिंदगी

232 गाँवों के लगभग दो लाख ग्रामीणों की जिंदगी कई तरीकों से बदलेगी। जिसमें सबसे पहले तो उनकी जमीन की कीमत तीन से चार गुनी तक बढ़ेगी। इसके साथ किसानों के बच्चों को पढ़ाई के लिए दिल्ली, आगरा और लखनऊ तक पहुंच पाना आसान हो जाएगा।

इसके अलावा रोजगार के साधन बढ़ेंगे। जिसके चलते गांवें के लोगों का जीवन स्तर पर ऊपर उठेगा।

रिपोर्टर- ऋषि मिश्र

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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