नई दिल्ली (भाषा)। यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल वैदिक मंत्रोच्चार समेत वैदिक शिक्षण की प्राचीनतम धरोहर को संजोए रखने के लिए केंद्र सरकार ने इस शिक्षण पद्धति से जुड़े शिक्षकों की मांग मान ली है।
इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों और कुछ संस्थाओं के साथ चर्चा की है। इसके बाद वैदिक अध्ययन की परंपरा को संजोने के लिए गठित समिति ने 'वैदिक शिक्षा बोर्ड' गठित करने का सुझाव दिया है। इस पद्धति को आगे बढ़ाने में जुटे शिक्षकों एवं छात्रों की खराब स्थिति को रेखांकित करते हुए केंद्र से मांग की गयी थी कि वैदिक शिक्षण पाठ्यक्रम एवं प्रमाणपत्रों को शिक्षण संस्थाओं में मान्यता प्रदान करने के साथ ही शिक्षकों के लिए व्यवस्थित वेतनमान की व्यवस्था की जाए।