बच्चों की शिक्षा के लिए पहले से बनाएं योजना 

Update: 2017-04-09 17:39 GMT
हर साल प्राइमरी हो या पोस्ट ग्रेजुएट अच्छी शिक्षा में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बाराबंकी। भारत में उच्च शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है। हर साल प्राइमरी हो या पोस्ट ग्रेजुएट अच्छी शिक्षा में बढ़ोतरी देखी जा रही है। शुरुआती शिक्षा से लेकर किसी प्रोफेशनल कोर्स की फीस हर साल बड़ी तेजी से बढ़ रही है। फाइनेंशियल प्लानिंग दुरुस्त न होने पर कई बार पढ़ाई के बड़े खर्चे आम आदमी के मासिक बजट को बिगाड़ देते हैं।

ऐसे में बच्चे की पढ़ाई पर होने वाले खर्च का पहले से अनुमान लगाकर उसके लिए सही योजना करना एक समझदारी का निर्णय साबित हो सकता है।ध्यान रहे शिक्षा के लिए आपने जिन विकल्पों में निवेश किया है, उस पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई की दर को मात देने वाला होना चाहिए।

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हर साल प्राइमरी से पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की फीस में बढ़ोतरी हुई है, जबकि इसी दौरान प्रोफेशनल और टेक्निकल एजुकेशन में 96 फीसदी की बढ़त हुई है। इसमें कोर्स की फीस, बुक्स, ट्रांसपोर्टेशन, कोचिंग और अन्य खर्चे शामिल हैं।वर्ष 2014 में किसी भी प्राइवेट संस्थान की पढ़ाई का खर्चा सरकारी स्कूल की तुलना में 11 गुना ज्यादा था जबकि हायर एजुकेशन का खर्च तीन गुना ज्यादा था। भविष्य में हो सकती है कितने फंड की जरूरत है

आंकड़ों के मुताबिक एजुकेशन की महंगाई दर 10 से 12 फीसदी सालाना है। यही आंकड़ा आने वाले वर्षों में अगर औसतन 6 फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ता है तो 16 वर्ष के बाद जिस इंजीनियरिंग कोर्स की फीस आज से 6 लाख रुपए है वह 15 लाख हो जाएगी। इसी तरह एमबीए कोर्स की मौजूदा फ़ीस अगर 10 लाख है वह 21 वर्ष बाद 34 लाख रुपए हो जायेगी।

निवेश के लिए इन विकल्पों का कर सकते हैं चुनाव…

म्यूचुअल फंड्स

डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का चयन कर आप लंबी अवधि के लिए अच्छा फंड जुटा सकते हैं। कोशिश करें कि इसमें लार्ज और मिड कैप फंड्स भी हों। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश करने से बच्चे का भविष्य सुरक्षित होगा और साथ ही टैक्स की भी बचत होगी। निवेश नियमित रूप से करें। फिनएज एडवाइजरी के डायरेक्टर और बिजनेस हेड अनिरुद्ध बोस का कहना है कि छोटी अवधि में होनी वाली जरूरतें मौजूदा आय से भी पूरी हो जाती हैं। बच्चे की पढ़ाई के लिए तीन से पांच वर्षों के लिए किया गया निवेश एसआईपी के बैलेंस्ड फंड्स में होना चाहिए।

चाइल्ड यूलिप

बच्चों की पढ़ाई के खर्चों को पूरा करने के लिए चाइल्ड यूलिप का भी चयन किया जा सकता है। इसके वेवर प्रीमियम फीचर की मदद से बच्चे को मनचाही उम्र में पैसे मिल जाते हैं। माता पिता होने के नाते सुनिश्चित कर लें कि अपने खुद के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदी हुई है ताकि आपके बाद बच्चे की भविष्य में होने वाली जरूरतें पूरी हो सके।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

बच्चे के नाम से पब्लिक प्रोविडेंट फंड एकाउंट का भी चयन किया जा सकता है। पीपीएफ 15 वर्षों की स्कीम है जिसके जरिए टैक्स फ्री कॉर्पस का निर्माण किया जा सकता है। बच्चे की जरूरत के अनुसार एकाउंट के छठे वर्ष के बाद कुछ राशि की निकासी की जा सकती है। बच्चे के बालिग होने पर इस एकाउंट में वह खुद भी योगदान कर सकता है और इस एकाउंट को अनिश्चित समय के लिए बढ़वाया जा सकता है। ध्यान रहे कि पीपीएफ डेट निवेश है और इसलिए इसपर मिलने वाला रिटर्न काफी कम होगा। साथ ही माता पिता और बच्चे की पीपीएक एकाउंट की कुल लिमिट 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष होगा।

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