वैज्ञानिकों की नजर से जानिए, सफल बच्चों के माता-पिता के गुण

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वैज्ञानिकों की नजर से जानिए, सफल बच्चों के माता-पिता के गुण

जीवन में एक बच्चे की आने की आहट के साथ ही एक सपना, निर्विवाद रूप से हर माँ-बाप की आँखों में पलने लगता है कि उनका बच्चा जीवन में सफल हो, एक ऊंचा मुकाम हासिल करे और जग में उनका नाम रोशन करे।

एक तेजस्वी, बुद्धिमान,चरित्रवान, स्वस्थ एवं सुंदर बच्चे का सपना हर माता-पिता देखते हैं। किसी भी महान और सफल व्यक्ति की जीवनी पर नज़र दौड़ाने पर ये निर्विवाद सत्य हमारे सामने आता है कि उनके जीवन को सफलता का मूर्त रूप देने में उनके अभिभावकों की सबसे अहम और निर्णायक भूमिका होती है।

इसी बात को मद्देनजर रखते हुए हॉवर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तकरीबन 20 साल तक सफल बच्चों के माता-पिता का बारीकी से अध्ययन करके अपना शोधपत्र दाखिल किया। जब एक रिसर्च जर्नल में इस शोधपत्र पर मेरी नज़र पड़ी तो इसके 12 मुख्य सूत्रों को आप सबके साथ साझा करने से मैं खुद को ना रोक सकी। आइये नज़र डालते हैं, इन 12 मुख्या सूत्रों पर, जो हमें हमारे बच्चों को सफल बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं…

  1. घरेलू ज़िम्मेदारियां :
    जो पालक अपने बच्चों को घर से जुड़ी, अंदर-बाहर की, छोटी-बड़ी सभी ज़िम्मेदारियों का निर्वाहन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, वो अपने बच्चे में सफलता की मजबूत नींव डाल देते हैं।
  2. सामाजिक और भावनात्मक कौशल : जो बच्चे छोटी उम्र से ही व्यवहार कुशल और मिलनसार होते हैं, साथियों के लिए मदद करने की भावना रखते हैं और अपनी समस्याओं से स्वयं जूझने और उनका निवारण करने की क्षमता रखते हैं, वो आगे चलकर ज्यादा सफल सिद्ध होते हैं।
  3. उम्मीदें : यूं तो आज के परिवेश पर नज़र दौड़ाने पर हम शायद अपने बच्चों पर ज्यादा दबाव डालना उचित नहीं समझते होंगे, पर वैज्ञानिक शोध पर नज़र दौड़ाने पर ये ज्ञात होता है कि जो अभिभावक अपने बच्चों से ज्यादा बड़ी उम्मीदें पालते हैं, उनके बच्चों के सफल होने की संभावना कहीं अधिक प्रबल होती है। आखिर इसमें निश्चित रूप से कोई दो राय नहीं है कि हर बच्चा अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करने के लिए अपना जी जान लगा देता है।
  4. माता-पिता का वैवाहिक जीवन : जिन माता-पिता का आपसी रिश्ता अच्छा होता है, उनके बच्चे मानसिक तौर पर ज्यादा सुदृढ़ और सुरक्षित होते हैं। ऐसे में उनकी सफलता की संभावना भी अधिक प्रबल होती है, वनस्पत उन माता-पिता के, जिनके आपसी संबंध खराब होते हैं। एक ध्यान देने योग्य तथ्य ये भी है कि अलगाव की स्थिति में मां-बाप का अलग रहना बच्चे के जीवन के लिए ज्यादा बेहतर साबित होता है। वनस्पत इसके कि बच्चे को एक दूषित घरेलू वातावरण से आए दिन दो-चार होना पड़े।
  5. माता-पिता का बौद्धिक और शिक्षण स्तर : जो माता-पिता स्वयं ज्यादा शिक्षित होते हैं और जिनका स्वयं का बौद्धिक स्तर भी अधिक होता है, उनकी संतान के सफल होनी की संभावनाएं भी निश्चित तौर पर ज्यादा पाई जाती हैं। उसमें भी मां का शिक्षण और बौद्धिक स्तर ज्यादा निर्णायक भूमिका निभाता है।
  6. गणित की शिक्षा : जो अभिभावक अपने बच्चों को कम उम्र से ही गणित की अच्छी शिक्षा दिलवाते हैं और उनमें किताबें पढ़ने की दिलचस्पी पैदा कर देते हैं, वे स्वयमेव ही बच्चे की सफलता की सीढ़ी बन जाते हैं।
  7. आप और आपका बच्चा : जो अभिभावक शैशवकाल से ही बच्चे और अपने बच्चे के बीच के रिश्ते को सुदृढ़ और प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं, जो एक sensitive caregiver (संवेदनशील देखभालकर्ता) का रोल बखूबी निभाकर अपने बच्चे को मानसिक मज़बूती दे पाते हैं, उनके बच्चे ज्यादा सफल हो पाते हैं।

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8. तनाव : जो माता-पिता तनावरहित, निश्चिन्त और खुश रहकर अपनी ज़िम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वाहन करते हैं, उनके बच्चे निश्चित तौर पर सफलता की सीढ़ी ज़्यादा तेज़ी से चढ़ पाते हैं।

9. सफलता-विफलता : जिन बच्चों के माता-पिता उनके अंदर ये जज़्बा डालने में कामयाब हो जाते हैं कि सफलता-विफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हमारी 'एक ईमानदार कोशिश' होती है, वे बच्चे आगे चलकर ज्यादा सफल सिद्ध होते हैं।

10. कामकाजी महिलाएं : एक थोड़ा सा चौंकानेवाला तथ्य जो सामने आया, वो ये है कि अक्सर कामकाजी महिलाओं के बच्चे समाज में ज्यादा बेहतर मुकाम बनाने में कामयाब हो पाते हैं। साथ ही विशेष तौर पर उनके लड़के घर में अन्य महिलाओं के साथ ज्यादा सहयोगात्मक और सकारात्मक रवैया भी रखते हैं। उम्मीद करती हूं कि ये पढ़ने के बाद बहुत सारी कामकाजी महिलाएं अपने मन से अपराधबोध को बहुत हद तक अवश्य ही कम कर देंगी।

11. आर्थिक स्तर : जिन अभिभावकों का आर्थिक और सामाजिक स्तर ज्यादा ऊंचा होता है, उनके बच्चे के सफल होने की संभावनाएं, ज्यादा सुलभ और बेहतर अवसर पाने की वजह से, स्वयमेव ही ज्यादा बन जाती हैं।

12. तार्किक स्वाभाव : जो माता-पिता सत्तावादी रुख ना अपनाकर, तार्किक रूप से बच्चों को अपनी बातें समझा पाते हैं और अपने निजी अनुभव साझा कर पाते हैं, उनके बच्चे निश्चित ही ज्यादा सफल पाये गए।

यूँ तो सफलता का कोई एक निश्चित फार्मूला तो नहीं होता, लेकिन फिर भी उम्मीद करती हूं कि इन छोटे-छोटे, लेकिन बेहद महत्पूर्ण तथ्यों को अपने जीवन में अक्षरक्षः उतारकर हम अपने बच्चों को जीवन में सफल बनाने की दिल से एक ईमानदार कोशिश जरूर से करेंगे।

आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण बात, जब एक सफल बच्चे के माता-पिता बनने के बाद लोग आपका इंटरव्यू लेने आएंगे तो प्लीज, प्लीज, छोटा सा ही सही, लेकिन मेरा जिक्र जरूर ध्यान से कर दीजियेगा।

(DISCLAIMER: ये सभी तथ्य, वैज्ञानिक शोधों की बिनाह पर आपके सामने रखे गए हैं और ये मेरी व्यक्तिगत राय नहीं है।)

(डॉ. श्रुति अग्रवाल सुखसागर मेडिकल कॉलेज, जबलपुर (म.प्र.) में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं)

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