केले के तने भी आप को कर सकते हैं मालामाल, देखिए कैसे-कैसे बनते हैं प्रोडक्ट
गाँव कनेक्शन | Nov 27, 2017, 18:56 IST
क्या आपने कभी कूड़े-कचरे से पैसे कमाने की सोची है? हम सभी इस बारे में कई बार ऐसा करने की सोचते तो हैं पर कभी ऐसा नहीं कर पाते। लेकिन, कोयम्बटूर की ईको ग्रीन नामक संस्था केले के तने और सुपारी की पत्तियों से कुछ ऐसी वस्तुएं बना रहीं हैं जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। अभी तक भारत में सिर्फ केले के फलों का इस्तेमाल होता था और कुछ दक्षिण की कुछ जगहों पर केले के पत्तों को खाना परोसने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन तनों के ये प्रोडक्ट बनाकर आप अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं।
तमिलनाडु के कोयम्बटूर में स्थित इस संस्था की दूसरी सबसे खास बात यह है कि इसको पूरी तरह से महिलाओं द्वारा चलाया जाता है और इसमें समाज के हर तबके के लोग काम करते हैं। नीचे की तस्वीरों में देखिए कि कैसे इन महिलाओं द्वारा विभिन्न वस्तुओं को बनाया जा रहा है। एक बार जब केले के तनों को काट दिया जाता है फिर उसके बाद उनके रेशों को इस्तेमाल में लाया जाता है।
मशीन ऐसे करती है काम
वाह.. ये देखिए बन गई केले की चटाईइसके अलावा रेशों का उपयोग कटोरे, बैग और कपड़े बनाने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।
ये देखिए बन गए कटोरे सुपारी की पत्तियों को कृषि अपशिष्ट की तरह प्रयोग किया जाता है और इससे भी पैसे की अच्छी आमदनी होती है।
खाद भी होती है तैयारपत्तियों को सुखा कर उनसे प्लेट, कप और चम्मच जैसे सामान बनाए जाते हैं।
और ये रही थालियां
तमिलनाडु के कोयम्बटूर में स्थित इस संस्था की दूसरी सबसे खास बात यह है कि इसको पूरी तरह से महिलाओं द्वारा चलाया जाता है और इसमें समाज के हर तबके के लोग काम करते हैं। नीचे की तस्वीरों में देखिए कि कैसे इन महिलाओं द्वारा विभिन्न वस्तुओं को बनाया जा रहा है। एक बार जब केले के तनों को काट दिया जाता है फिर उसके बाद उनके रेशों को इस्तेमाल में लाया जाता है।
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देश में ज्यादातर किसान सिर्फ केले के फलों का उपयोग करते हैं। मशीनों की सहायता कर प्रयोग करके पेड़ के तने से रेशों को निकाला जाता है। इसके बाद तने के रेशों को पत्थर की चोट से उसे पतला किया जाता है और फिर उसे सुखाया जाता है।
मशीन ऐसे करती है काम
तैयार हो गए रेशे इन सूखे हुए रेशों से चटाई बनाई जाती है।
वाह.. ये देखिए बन गई केले की चटाई
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ये देखिए बन गए कटोरे सुपारी की पत्तियों को कृषि अपशिष्ट की तरह प्रयोग किया जाता है और इससे भी पैसे की अच्छी आमदनी होती है।
खाद भी होती है तैयार
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