शोक में डूबे गांव ने गर्व के साथ दी अपने बेटे लांस नायक सत्यम पाठक को अंतिम विदाई

लद्दाख की कड़ाके की ठंड में,दिल का दौरा पड़ने से लांस नायक सत्यम कुमार पाठक की मौत हो गई थी। दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो अंतिम विदाई देने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। वह अपने पीछे चार बच्चे, अपनी पत्नी और बूढ़े माता-पिता को छोड़ गए हैं।

Ramji MishraRamji Mishra   19 Oct 2021 6:02 AM GMT

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जैसे ही लांस नायक के पार्थिव शरीर को ले जाने वाला सेना का ट्रक गांव से होकर गुजरा, बेहती खुर्द गांव की सड़के और संकरी गलियां 'सत्यम पाठक अमर रहे' के नारों से गूंज उठीं। सैनिक सत्यम की 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई थी। वह लद्दाख के लेह में ड्यूटी पर तैनात थे।

यूपी की राजधानी लखनऊ से लगभग 110 किलोमीटर दूर बेहती खुर्द गांव में उनका पार्थिव शरीर लाया गया। टूटे-फूटे प्लास्टर वाले उनके घर में लोगों की भीड़ जुटी थी। शव के घर के नजदीक पहुंचते ही उनके प्रियजनों ने शोक की लहर के बीच देशभक्ति के नारे लगाने शुरु कर दिए।

38 साल के गैर-कमीशन अधिकारी (NCO) सत्यम (Satyam Pathak) ,लद्दाख के लेह में 539 आर्मी सर्विस कोर (ASC) में तैनात थे। उनके चार बच्चे हैं- दो बेटे और दो बेटी। वह हमेशा उन्हें कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने, सभी से प्यार करने और बड़े होकर कुछ बनने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे।

पाठक की पत्नी राम लाली ने गांव कनेक्शन को बताया, "वह चाहते थे कि उनकी दो बेटियां पढ़ लिखकर टीचर बनें। वह अपने छोटे बेटे को डॉक्टर और बड़े बेटे को डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) बनाना चाहते थे।"

राम लाली उदासी भरी आवाज में सवाल कहती है, "अब मैं और मेरे सास-ससुर कैसे अपने इन चार बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा पाएंगे। उन्होंने (सत्यम पाठक) जो सपने अपने बच्चों के लिए देखे थे उन्हें पूरा करने में कौन हमारी मदद करेगा?"

लांस नायक की छोटी बेटी शालिनी ने बताया कि उनके पिता हमेशा पढ़ाई पर जोर देते थे। वह याद करते हुए कहती हैं, "वह हमेशा कहते थे, सबसे प्यार से रहो, किसी से लड़ाई मत करो।"

इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मृतक सैनिक के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्विटर पर पोस्ट किया, "यूपी के सीएम श्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद सैनिक सत्यम कुमार पाठक की दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही उन्होंने 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करने की घोषणा की है। "

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गांव के बेटे की मृत्यु पर दुख भी गर्व भी

गांव कनेक्शन ने बेहती खुर्द गांव के जिस भी व्यक्ति से बात की वो गहरे दुख में डूबा हुआ नजर आया। लेकिन साथ ही उन्हें सत्यम पर गर्व भी था।

गांव कनेक्शन से बात करते हुए सिपाही की मां ने बताया कि वह छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ रहने के लिए आने वाला था। सत्यम पाठक अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था।

दुख में डूबी सरला देवी ने गांव कनेक्शन से कहा, "वह जल्द ही रिटायर होने वाला था। मैं दिल की मरीज हूंऔर मुझे डायबटीज भी है। उन्होंने (परिवार के सदस्यों ने) मुझे शाम तक भी नहीं बताया कि मेरे बेटे की मौत हो गई है।"

गांव के युवाओं को सैनिक के बलिदान और उनके जीवन पर गर्व था।

सैनिक के 20 वर्षीय पड़ोसी पीयूष पाठक ने गांव कनेक्शन से कहा, "मुझे उन पर गर्व है। सिर्फ मुझे ही नहीं, हर किसी को उनके बलिदान पर गर्व होना चाहिए। पिछली बार वह होली के दौरान अपने परिवार से मिलने के लिए आए थे। उनके गांव में होने पर एक अलग ही तरह की खुशी का माहौल बन जाता था।"

पीयूष आगे कहते है, "गांव के युवाओं पर उनका एक खास प्रभाव था और यही उनकी खासियत थी। उन्होंने हमें सशस्त्र बलों में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। "

स्थानीय दुकानदार पूरन सत्यम को एक खुशमिजाज व्यक्ति के रुप में याद करते हैं। सत्यम पाठक जब भी गांव में आते थे तो उनसे हमेशा मिलते थे। पूरन बताते हैं, "जब भी वह छुट्टियों में अपने परिवार से मिलने आता, तो वह दुकान पर आकर मेरा हालचाल जरुर पूछता था। वह मुझे चचुआ (चाचा) कहकर बुलाता था।" 60 वर्षीय दुकानदार ने गांव कनेक्शन से कहा, यह जानकर बहुत बुरा लगता है कि हमारे गांव का हीरो नहीं रहा।

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जम्मू-कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में स्थिति तनावपूर्ण है। सैनिकों और नागरिकों की हत्याओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। घाटी में आतंकवादी अब आम नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक आतंकवादी कुल 11 नागरिक को मार चुके हैं।

केंद्र शासित प्रदेश के पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कम से कम नौ सैनिक मारे गए। 11 अक्टूबर को, जम्मू -कश्मीर के पुंछ में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय सैनिक मारे गए थे।

17 अक्टूबर को घाटी में बिहार के दो प्रवासी मजदूरों - राजा रेशी देव और जोगिंदर रेशी देव को अज्ञात आतंकवादियों ने, श्रीनगर से करीब 70 किलोमीटर दूर कुलगाम में गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीसरा प्रवासी मजदूर चुनचुन रेशी देव घायल है।

इससे एक दिन पहले 16 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक बढ़ई सगीर अहमद को आतंकियों ने गोली मार दी थी। उसी दिन बिहार के एक स्ट्रीटफूड विक्रेता की भी हत्या कर दी गई थी।

कश्मीर पुलिस ने हाल- फिलहाल में एक निर्देश जारी किया है। जिसमें जिला प्रमुखों को सभी गैर-स्थानीय प्रवासी श्रमिकों को सशस्त्र बलों के निकटतम सुरक्षा शिविरों में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया। सभी जिला पुलिस को भेजे गए एक संदेश में, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा, "आपके संबंधित अधिकार क्षेत्र के सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को अभी निकटतम पुलिस या केंद्रीय अर्धसैनिक बल या सेना प्रतिष्ठान में लाया जाना चाहिए।"

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