किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है सहजन की खेती

Mohit ShuklaMohit Shukla   2 Sep 2019 5:51 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo

सीतापुर (यूपी)। धान-गेहूं जैसी परंपरागत फसलों में बढ़ती लागत और कम आमदनी के चलते किसान उन फसलों को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं, जिन्हें एक बार लगाने पर कई बार आमदनी हो। सहजन उनमें से एक फसल है। सहजन की बाग एक बार लगाने पर 5-8 साल तक फसल मिलती है। सहजन की पत्तियां और फलियों के साथ बीज की भी काफी मांग रहती है। आइए हम आपको सहजन की खासियत के बारे में बताते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि सहजन की खेती करके अध‍िक से अध‍िक मुनाफा कमाया जा सकता है। इसे लगाने के लिए अलग से खेती करने की भी जरुरत नहीं होती है। इसे खेत के मेड़ पर आसानी से लगाया जा सकता है। एक साल के अंदर यह फल देना शुरू कर देता है।

इसे भी पढ़ें- कुपोषित बच्चों को ताकत देगा सहजन, जानिए सहजन के क्या हैं फायदे



डॉ दया शंकर का कहना है कि सहजन एक ऐसा पौधा है जिसका हर एक हिस्‍सा किसानों को लाभ पहुंचाता है। सहजन ऐसी फसल है,जिसकी पत्तियां, फल और बीज तक सब बिक जाते हैं। अगर सहजन की बाग लगाई गई है तो जमीन के नीचे अरबी, हल्दी और अदरक की खेती हो सकती है। इसमें कोई फसल 4 महीने में तो मुनाफा देगी तो कई और कई वर्षों तक उत्पादन देगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सहजन की पत्तियों में काफी मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। अब अति कुपोषित बच्चों को सहजन की पत्तियां ताकत देंगी। उत्तर प्रदेश में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए महिला बाल विकास विभाग सहजन के पेड़ लगा रहा है। जिन घरों में अति कुपोषित बच्चे हैं विभाग उनके दरवाजे पर सहजन के पौधे के पौधे रोपे जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें- सहजन की खेती से 10 महीने में कमायें एक लाख

वहीं, मध्य प्रदेश में भी इस तरह की कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने जनपद में सहजन के पौधे के जरिए कुपोषण से लड़ने की पहल शुरू की है। इसके तहत जिले के प्रत्येक अति कुपोषित बच्चे के दरवाजे पर इसका पौधा लगाया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने सुपरवाइजर की देखरेख में पोषक तत्वों से भरपूर यह पौधा लगाएंगी।


   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.