स्वास्थ्य संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने की कवायद तेज

Deepanshu Mishra | Jun 01, 2017, 10:08 IST
uttar pradesh
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। बीड़ी, सिगरेट हो या फिर चबाने वाला तंबाकू उत्पाद, इनके उपयोग को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विश्व तम्बाकू निषेद्य दिवस पर सभी अस्पतालों के अधीक्षकों और सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि सभी स्वास्थ्य संस्थान तम्बाकू मुक्त घोषित हो जाएं। इसमें स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही निजी स्वास्थ्य संस्थान भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी तरह तम्बाकू मुक्त बनाने में मदद के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अन्य संबंधित विभागों को भी कहा है कि वे राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों के अंदर और आस-पास कॉटपा (सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को इन निर्देशों का पालन करते हुए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कॉटपा की धारा चार और छह) के प्रावधानों को लागू करने का निर्देश दिया गया है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गैट्स) भारत 2009-10 के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 33 फीसदी आबादी किसी न किसी स्वरूप में तम्बाकू का उपयोग कर रही है। यहां दो फीसदी लोग सिगरेट पीते हैं। 12 फीसदी लोग बीड़ी का सेवन करते हैं और 25 फीसदी लोग चबाने वाले तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित हुई उत्तर प्रदेश की नई सरकार ने चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के बढ़ते खतरे से निपटने के अपने संकल्प को पूरा करने में तेजी दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों में पान-मसाले के उपयोग पर पहले ही पाबंदी लगा दी है।

धूम्रपान समय से पहले लोगों को बना रहा बूढ़ा

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर एचजी फाउंडेशन ने शहर के अलग-अलग स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान में लोगों को तम्बाकू से होने वाले हानियों से भी अवगत कराया गया। संस्था के अध्यक्ष अमित त्रिपाठी ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा, “तम्बाकू किसी भी रूप में हानिकारक होती है।

तम्बाकू के सेवन से प्रतिदिन लगभग 2200 लोग देशभर में मर रहे हैं। तम्बाकू सेवन से लगभग 40 प्रकार के कैंसर होते है। लगभग 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तम्बाकू सेवन से ही होता है।” अमित त्रिपाठी ने विभिन स्कूलों में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बताया, “आप लोगों के धूम्रपान के लत से आप ही नहीं आपके बच्चे भे प्रभावित होते हैं। बच्चों के बीच धूम्रपान करने से अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे भी धूम्रपान करते है, जिससे उनमें अस्थमा, भूलने की बीमारी, मोटापा आदि की समस्या बढ़ जाती है।”

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