मेरठ में हर दूसरी गर्भवती एनीमिया की शिकार

Sundar Chandel | Jul 15, 2017, 11:44 IST

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। हर महिला के लिए मां बनना खास होता है, लेकिन कुछ महिलाओं की मौत मां बनने से पहले हो रही है। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के एक रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ शहर और देहात के सरकारी अस्पतालों में आने वाली हर दूसरी मां में खून की कमी पाई जा रही है। साथ ही सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में आने वाली लगभग 60 फीसदी महिलाओं में खून की कमी पाई गई है।

विशेषज्ञ डॉ. सपना अग्रवाल बताती हैं, “देहात की रहने वाली महिलाएं नौ माह तक इलाज के लिए नहीं आतीं। जब अचानक डिलीवरी के लिए ये महिलाएं आती हैं, तब चेकअप के दौरान पता चलता है कि इनके अंदर खून की बेहद कमी है।” डफरिन की प्रभारी डॉ. प्रमिला गौड़ बताती हैं, “हमारे पास आने वाली अधिकतर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है, जिसके चलते डिलीवरी करना रिस्की होता है।”

ग्रामीण महिलाएं ज्यादा पीड़ित

डॉ. गौड़ बताती हैं, “शहरी क्षेत्र से आने वाली महिलाओं में तो यह बीमारी 52 फीसदी ही मिलती है, लेकिन देहात से आने वाली महिलाओं का आंकड़ा 60 के पार है। इसका मुख्य कारण है कि गाँव में महिला बहुत काम करती है और सेहत का ख्याल बिल्कुल नहीं रखती।” वो आगे बताती हैं, “भारत में 40 फीसदी मातृत्व मृत्युदर का कारण एनीमिया ही है। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के हिसाब से 52 फीसदी महिलाओं में एनीमिया की शिकायत है। जिसके चलते बच्चों में भी एनीमिया तेजी से बढ़ रहा है। सर्वे के मुताबिक, 80 फीसदी बच्चों में मां की वजह से ही खून की कमी पनपती है।”

एनीमिया के लक्षण

थकान, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, सांस फूलना, मुंह में छाले पड़ जाना, धड़कन तेज हो जाना, सिर में तेज दर्द होना, काम करने की क्षमता कम हो जाना, शरीर में लाल चक्कते पड़ना आदि कारण एनीमिया से ग्रसित महिला में पाए जाते हैं।

क्यों होता है एनीमिया

वजन कम होना, विटामिन ए की कमी होना, मलेरिया होना, ब्लड लॉस, पौष्टिक भोजन न मिलना, किसी भी प्रकार का इंफेक्शन, बच्चों में जंक फूड और उनका ओवर वेट होना भी एनीमिया को दावत देता है।

एनीमिया से समस्याएं

इम्यून सिस्टम वीक, हार्ट फेल, खून चढ़ाने की संभावना बढ़ जाती है, ब्रेन फंक्शनिंग पर असर, समय से पहले डिलीवरी कराने के चांस बढ़ जाते हैं, गर्भपात की संभावना, नवजात बच्चे की जान को जोखिम आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

कैसे करें बचाव

एनीमिया से बचने का एक ही तरीका है कि डाइट में बैलेंस बनाया जाए। दवाइयों से एनीमिया में कुछ समय की राहत मिल सकती है, लेकिन इससे पूरी तरह छुटकारा बैलेंस डाइट से मिल सकता है।

एनीमिया के प्रकार

  • न्यूटीशियन एनीमिया
बैलेंस डाइट न लेना और खाने में आयरन की कमी न्यूटीशियन एनीमिया की वजह है।

  • मेंगगोएट एनीमिया
ये एनीमिया विटामिन बी 12 की कमी, मलेरिया व पेट में कीड़े होने की वजह से होता है।

  • हैमोलेटिक एनीमिया
इसमें खून बनने की प्रक्रिया सही नहीं होती, यानी जी 65 की कमी होती है।

  • एप्लास्टिक एनीमिया
ये एनीमिया मुख्य रूप से ब्लड कैंसर में पाया जाता है।

प्रभारी डफरिन डॉ. प्रमिला गौड़ ने बताया मेरठ में एनीमिया माहामारी की तरह फैल रहा है। सावधानी रखकर ही इससे बचा जा सकता है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • Swayam Project
  • Meerut
  • government hospital
  • Anemia
  • Private hospital
  • हिन्दी समाचार
  • Samachar
  • समाचार
  • hindi samachar