ये उपाय अपनाने से खेत में नहीं दिखेंगे चूहे

Divendra SinghDivendra Singh   15 March 2018 12:58 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ये उपाय अपनाने से खेत में नहीं दिखेंगे चूहेचूहों से बचने के लिए करें ये उपाय

फसलों के तैयार होने के साथ ही खेतों में चूहे दिखायी देने लगते हैं, ऐसे में समय रहते चूहों का प्रबंधन करना चाहिए, कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रवि प्रकाश मौर्या बता रहे हैं कैसे चूहों का प्रबंधन कर सकते हैं। ये कुछ उपाय अपना कर किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं।

ये भी पढ़ें- इस देसी तरीके ने दिलाया फसल को नीलगाय और कीट-पतंगों से छुटकारा

चूहों की संख्या मई-जून माह में कम होती है, यही समय चूहा नियंत्रण अभियान के लिए सही समय होता है, यह अभियान सामूहिक रूप में चलाना चाहिए। चूहे खेत खलिहानो, घरों और गोदामों में अनाज खाने के साथ-साथ ही अपने मलमूत्र से अनाज बर्बाद कर देते हैं। राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार खेत में खड़ी फसलों को 5 से लेकर 15 प्रतिशत तक की हानि चूहा पहुंचाते हैं।

कृन्तक नियंत्रण नेटवर्क से जुड़े शोध में यह जानकारी मिली है कि दांत न बढ़े इसलिए चूहे कठोर से कठोर वस्तुएं जैसे लकड़ी के दरवाजे, बिजली के तार काट डालते हैं। चूहे सबसे ज्यादा खड़ी फसलों को काटते हैं। चूहों में असीमित प्रजनन क्षमता होती है। एक जोड़ा चूहा एक वर्ष में 800 से लेकर 1200 की संख्या बढ़ा लेता है। चूहा 3 से लेकर 7 दिन तक बिना पानी और भोजन के रह लेता है। शोध में यह पता चला है कि मरूस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला जरबिल चूहा एक साल तक बिना पानी के जीवित रहा जाता है।

ये भी पढ़ें- हर्बल घोल की गंध से खेतों के पास नहीं फटकेंगी नीलगाय , ये 10 तरीके भी आजमा सकते हैं किसान

एक रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष लगभग दो करोड़ चूहों का नाश किया जाता है। इसके बाद भी चूहों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। किसानों के सबसे बड़े और जानी दुश्मन ये चूहे ही हैं। ये चूहे एक साल में इतने अधिक अनाज का नुकसान करते हैं कि उससे विश्व की आधी आबादी का पेट भरा जा सकता है। इससे अरबों रुपयों का नुकसान प्रतिवर्ष होता है। इसके बाद भी चूहों की आबादी घटाने में सफलता नहीं मिल रही है।

ये भी पढ़ें- फसल सुरक्षा: कीटनाशकों के प्रयोग के बिना भी मिल सकता है कीट-पतंगों से छुटकारा

संसारों में चूहे की पांच सौ से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, एक जोड़ी चूहा एक वर्ष में 800-1000 की संख्या में बढ़ जाते हैं, इसके प्रबंधन के लिए कम से कम तीस-चालीस लोगों की जरूरत होती है। पहले दिन खेत का सर्वेक्षण किया जाता है, जहां बिल मिले उसे मिट्टी से बंद कर देना चाहिए।

ये भी पढ़ें- अनाज भंडारण से ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार

दूसरे दिन जो भी बिल खुले हों, वहां पर चावल या फिर चना के दाना रख देना चाहिए, ऐसे दो-तीन दिनों तक दाना रखें और चौथे दिन जहर मिलाकर दाना रखें। दाने का विषाक्त बनाने के लिए सरसो के तेल, एक ग्राम जिंक फास्फाइड दानों में मिलाकर रख दें। पांचवे दिन सुबह मरे हुए चूहों को और बचे हुए दानों को इकट्ठा कर जमीन में गड्ढ़ा खोदकर दबा दें।

ये भी उपाय अपना सकते हैं

  • चूहे को मीठा पसंद होता है। किसान खेतों में हो या घर पर, अनाज भण्डारण गृह में जलेबी का पाक जो आसानी से मिल जाता है, जलेबी के पाक में रूई की छोटी-छोटी गोली बना कर डूबा दें। जब वो गोलियां पूरी तरह से भीग जाएं तो चूहों के बिल के पास रख दें। चूहा उसे आसानी से खा लेता हैं। वह रूई की गोली चूहे की आँतों में फंस जाती है। कुछ समय के बाद चूहे की मौत हो जाती है। प्याज की खुशबू चूहों से बर्दाश्त नही होतीं। इसलिए उन जगहों पर प्याज के टुकड़े डाल दें, जहां से चूहे आते हैं।
  • लाल मिर्च खाने में प्रयोग होने वाली लाल मिर्च चूहों को भगाने के लिए काफी कारगर है। जहां से चूहें ज्यादा आते हैं, वहां पर लालमिर्च का पाउडर डाल दें। इंसानों के बाल से भी चूहे भागते हैं। क्योंकि इसको निगलने से इनकी मौत हो जाती है इसलिए इसके नजदीक आने से ये काफी डरते हैं।

ये भी देखिए:

स्टिकी ट्रैप : हजारों रुपये के कीटनाशकों की जरुरत नहीं, ये पीली पन्नियां बचाएंगी आपकी फसल

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

लखनऊ lucknow Farming खेती किसानी harvesting फसल कटाई चूहों का प्रबंध Management of rats #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.