प्याज की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार उठा सकती है ये बड़ा कदम
Mithilesh Dhar | Dec 26, 2017, 16:20 IST
एक बार फिर प्याज की एमईपी बढ़ सकती है। सूत्रों के हवाले से सीएनबीसी आवाज पर प्रकाशित खबर के अनुसार प्याज के दामों पर काबू पाने के कदम के तहत प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज यानि एमईपी 850 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1050 डॉलर प्रति टन किया जा सकता है। कुछ दिन पहले ही प्याज की एमईपी 850 डॉलर प्रति टन की गई थी जिसको अब फिर बढ़ाया जा सकता है। इसका मतलब ये हैं कि एमईपी के नीचे प्याज का इंपोर्ट संभव नहीं होगा। पिछले दिनों हुई सचिवों की बैठक में इस पर सहमति बनी है।
एक्सपोर्ट आंकड़ों की तुलना अगर 2015-16 में हुए एक्सपोर्ट से की जाए तो 2016-17 में एक्सपोर्ट 3 गुना से भी अधिक बढ़ा है, 2015-16 के दौरान देश से सिर्फ 11,14,418 टन प्याज का निर्यात हो पाया था। रिकॉर्डतोड़ एक्सपोर्ट से घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई घट गई थी। इसलिए प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी।
नवंबर महीने की शुरुआत में सरकारी एजेंसी एमएमटीसी ने 2,000 टन प्याज के इंपोर्ट का टेंडर दिया था। यह कदम प्याज की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए था। लेकिन पाकिस्तान ने प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी। वहीं इंटरनेशनल मार्केट में भी इसका प्राइस अधिक है।
इस साल प्याज की पैदावार ज्यादा हुई है। नवंबर के दौरान आवक भी बढ़ी है जिससे आने वाले दिनों में थोक बाजार में भाव घट सकता है। लंबी अवधि में थोक बाजार में भी इसकी कीमतों में कमी आ सकती है। लासलगांव में प्याज की आवक की बात करें तो नवंबर में 28 नवंबर तक मासिक आवक 2.27 लाख क्विंटल रही है जबकि पिछले साल नवंबर में कुल आवक 1.57 लाख क्विंटल दर्ज की गई थी। इसका मतलब साफ है कि अगर आवक ज्यादा रही है तो अगले एक महीने में कीमतें घटती हुई नजर आएंगी।
प्याज के दामों को लेकर सरकार ये रवैया कुछ नया नहीं है। हार साल सरकार इसको लेकर उहापोह की स्थिति में रहती है। या तो प्याज की कीमत एक दम से घट जाती है या फिर बढ़ ही जाती है। सरकार इसको नियंत्रित नहीं कर पाती। प्याज की कीमत को लेकर ही मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों को बड़ा आंदोलन करना पड़ा था क्योंकि मंडियों में किसानों को तीन रुपए प्रति किलो से भी कम कीमत पर प्याज बेचना पड़ रहा था।
ऐसे में किसानों को प्याज की लागत तक नहीं निकल पा रही थी। इस आंदोलन के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पहली बार प्याज की खरीद को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया था। आजादपुर मंडी (नई दिल्ली) के पूर्व चेयरमैन और प्याज व्यापारी राजेंद्र शर्मा बताते हैं, "मंडी में जब प्याज की आवक बढ़ेगी तो कीमतें अपने आप ही नियंत्रित हो जाएंगे। सरकार को इस ओर बड़ा कदम उठाना होगा।"।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा निर्यात
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सरकार ने उठाए कदम
प्याज की पैदावार ज्यादा
सरकार हर बार रहती है नाकाम
ऐसे में किसानों को प्याज की लागत तक नहीं निकल पा रही थी। इस आंदोलन के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पहली बार प्याज की खरीद को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया था। आजादपुर मंडी (नई दिल्ली) के पूर्व चेयरमैन और प्याज व्यापारी राजेंद्र शर्मा बताते हैं, "मंडी में जब प्याज की आवक बढ़ेगी तो कीमतें अपने आप ही नियंत्रित हो जाएंगे। सरकार को इस ओर बड़ा कदम उठाना होगा।"।