मुर्रा भैंसों का कमाल : ठेकेदारी छोड़ ये आदमी अब हर साल कर रहा लाखों की कमाई

Mithilesh DharMithilesh Dhar   17 Feb 2018 8:53 PM GMT

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मुर्रा भैंसों का कमाल : ठेकेदारी छोड़ ये आदमी अब हर साल कर रहा लाखों की कमाईमुर्रा भैंसों की डेरी।

भोपाल (मध्यप्रदेश) रेलवे की ठेकेदारी छोड़कर दूध का व्यापार शुरू करने फैसला थोड़ा रिस्की ही कहा जा सकता है। वो भी तब जब ठेकेदारी से अच्छी कमाई हो रही हो, बिजनेस भी जमा जमाया हो, लेकिन रतलाम के मांगरोल निवासी अनिल सिसौदिया ने ये दिखा दिया कि जब आपके हौंसले बुलंद हो तो आप हर कमा में सफलता के झंडे गाड़ सकते हैं।

सिसौदिया ने साबित कर दिया कि बिजेनस अगर सही प्लान से किया जाए तो असफलता की संभावना कम ही हो जाती है। सिसौदिया इस समय दूध बाजार के स्थानीय ब्रांड बन गए हैं। बड़े आराम से हर महीने 70 से 80 हजार की कमाई हो रही है। सिसौदिया ने यह कमाल मुर्रा भैंसों की दम पर किया है। उनका डेयरी फॉर्म मांगरोल में आधुनिक श्री सांई डेयरी के नाम से प्रसिद्ध हो चुका है। सिसौदिया ने बताया कि इस बिजनेस की शुरुआत उन्होंने 8 मुर्रा भैंसों से की और नौ माह में 30 मवेशियों को आधुनिक डेयरी फॉर्म तैयार है। सिसौदिया अपनी आधुनिकता के लिए आसपास के कई जिलों में लोकप्रिय हैं।

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मशीन से दूध निकाला जाता है।

देशाटन से आया विचार

सिसौदिया बताते है कि जब वे रेलवे की ठेकेदारी कर रहे थे तो कई प्रदेशों में जाना होता था। पंजाब और हरियाणा के डेयरी बिजनेस ने मुझे काफी प्रभावित किया। तभी मैंने सोच लिया था कि दूध का व्यापार करना है। योजना बनाई और एक साल में डेयरी फॉर्म बन गया। 16 सितंबर 2016 से मैंने अपने डेयरी की शुरुआत की। 25 लाख रुपए लगाकर मैंने बिजनेस शुरू किया। इससे कम पैसे भी ये बिजनेस शुरू किया जा सकता है। पहले 8 मुर्रा भैंस हरियाणा से लेकर आया। अब मेरे पास 30 मवेशी हैं। एक भैंस की कीमत 90 से 1.5 लाख के बीच है। डेयरी में पूरा सिस्टम अत्याधुनिक है। उच्च प्रजाति दुधारू पशु (मुर्रा बफेलो) द्वारा दूध में ज्यादा कैल्शियम और प्रोटीन होता है। मैंने शुरू से ही सोचा था कि अत्याधुनिक प्लांट ही बैठाना है और मैं इसमें सफल भी हुआ।

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सफाई करते अनिल सिसाैदिया।

मशीनों से निकाल रहे दूध

डेयरी फॉर्म के संचालक सिसौदिया ने बताया कि दूध दुहने का पूरा काम मशीनों द्वारा किया जा रहा है। दूध निकालने से मात्र 2-3 घंटे के अंदर मिलावट रहित दूध एयर पाइट पैकिंग में ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है।

कुछ ही दिनों में दोगुनी हुई मांग

इस बिजनेस की सफालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ ही दिनों में दूध की मांग दोगुनी हो गई। 250 से 300 लीटर दूध का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है। 500 से अधिक पैकेट शहर भेजे जा रहे हैं। सिसौदिया ने बताया बहुत जल्द वे गिर गाय का भी फॉर्म हाउस बनाने की तैयारी शुरू करेंगे।

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साफ-सफाई कर रखा जाता है ध्यान

सिसौदिया बताते हैं कि सभी भैंसों को डेटॉल फ्लोरिंग-लाईजोल से सफाई की जाती है ताकि उनमें किसी प्रकार का इंफेक्शन न हो। पशु विशेषज्ञ नियमित पशुओं की जांच करते हैं। परिसर की भी विशेष सफाई की जाती है ताकि पूरा वातारण प्रदूषण मुक्त रहे। मवेशियों के लिए फोगर्स लगाए गए हैं।

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