आने वाले दिनों में बढ़ सकती है खुदरा चीनी की कीमतें : एनएफसीएसएफ  

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   26 May 2017 2:08 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है खुदरा चीनी की कीमतें :  एनएफसीएसएफ   यूपी में चीनी मिल के बाहर खड़े गन्ने से लदे ट्रैक्टर।

नई दिल्ली (भाषा)। उद्योग संगठन एनएफसीएसएफ ने कहा कि सरकार ने चीनी सत्र 2017-18 के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 25 रुपए (11 प्रतिशत) की वृद्धि की वजह से चीनी के खुदरा मूल्य में वृद्धि अपरिहार्य हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चीनी का खुदरा मूल्य 40 से 45 रुपए किलो चल रहा है।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की (सीसीईए) ने चीनी सत्र 2017-18 (अक्तूबर से सितंबर) के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को मौजूदा 230 रुपए में 25 रुपए की वृद्धि करते हुए इसे 255 रुपए किए जाने को मंजूरी दी थी।

यह भी पढ़ें गन्ना किसानों के अच्छे दिन, बंद पड़ी चार चीनी मिले चालू होंगी

सहकारी चीनी मिलों का प्रतिनिधित्व करने वाली राष्ट्रीय सहकारी चीनी फैक्टरियों के महासंघ (एनएफसीएसएफ) ने सरकार के अगले सत्र के लिए गन्ने के एफआरपी में वृद्धि करने के फैसले का स्वागत किया लेकिन आने वाले दिनों में इसके खुदरा चीनी कीमतों में होने वाली वृद्धि का संकेत भी दिया।

खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनावरे ने एक बयान में कहा, कच्ची सामग्री की कीमत में वृद्धि के कारण चीनी के उत्पादन की लागत भी बढ़ना तय है और आने वाले दिनों में इसके कारण चीनी की खुदरा कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

यह भी पढ़ें गुड़ व्यापार तो बढ़ रहा पर गन्ना किसान रो रहा

उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा होना अपरिहार्य है क्योंकि किसानों को गन्ना उगाने में होने वाले अपने खर्चों के अनुरुप लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, केवल तभी वे गन्ना उगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे जो चीनी उद्योग को टिकाउ बनाने में मदद करेगा। नाइकनावरे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों ने रंगराजन समिति की सिफारिशों के अनुरुप गन्ना मूल्य निर्धारण बोर्डों को नियुक्त कर दिया है।

                       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.