सरकार की गलती से गंदी हुई गंगा : उमा भारती

Ajay Mishra | Nov 16, 2018, 13:57 IST
गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन में बोलीं भारत सरकार की पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री, जन आंदोलन के बिना गंगा पर काम नहीं हो पाएगा
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कन्नौज। ''अंग्रेजों के समय वर्ष 1916 से वर्ष 2014 तक की सरकारों की गलती से गंगा मैया गंदी हुई हैं। सरकारों ने इंड्रस्ट्री लगवाईं और उसकी गंदगी गंगा में गई। सीवरेज की गंदगी और केमिकल व फर्टिलाइजर गंगा नदी में पहुंचा जिसकी वजह से गंगा गंदी ही होती चली गईं।''

यह बात केंद्र सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने यूपी के कन्नौज में बोर्डिंग ग्राउंड पर आयोजित गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन 2018 में कही। उन्होंने आगे कहा, ''जिस गंगानदी में एक दिन में 20 लाख लोग स्नान करते हों। एक साल में 70 करोड़ लोग स्नान करते हों, उनकी भी जिम्मेदारी है कि गंगा को साफ रहने दें। बिना जनआंदोलन के गंगानदी को साफ करना मुश्किल है।''

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पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा, ''अंग्रेजों के समय से गंगा में गाद नहीं हटाई गई। पहले पवित्र भाव से उसे हटाते थे। मूर्ति बनाते थे और बेंचते भी थे, लेकिन खनन माफिया गंगा मैया के प्राण और आंते ही निकाल लेंगे।'' आगे कहा, ''बिना जन आंदोलन के गंगा पर काम नहीं हो पाएगा। वर्ष 2014-16 तक हमने गंगा पर अच्छी योजनाएं बनाई हैं। कन्नौज में बड़ी समस्या खड़ी हो गई है कि गंगा की धारा दूर चली गई है उसे वापस कैसे लाया जाए। मोदी-योगी सरकार पैसा दे रही है, लेकिन भागरथी की तरह सभी को तपस्या करके ही गंगा को वापस लाना होगा। सरकार सिर्फ प्रयास कर सकती है।''

कौन सा पेड़ कहां लगेगा, तब ग्लोबल वार्मिंग रूकेगा

केंद्र सरकार की मंत्री उमा भारती ने कन्नौज में कहा कि ''ग्लोबल वार्मिंग पर हमने स्टडी की है। उत्तराखंड सरकार ने बुलाया था। वहां वृक्ष पर शोध करने वाला संस्थान है। वहीं से पूछा कि गंगा नदी पर कौन से पेड़ लगेंगे और बद्रीनाथ पर कौन-कौन से पेड़ लगेंगे। पर्यावरण संतुलन पेड़ लगाने से नहीं बल्कि कौन सा पेड़ कहां लगेगा इससे होगा।'' मंत्री ने आगे कहा कि ''प्रकृति का संतुलन धरती, मिट्टी और जलवायु से होगा। गंगा नदी किनारे पेड़ लगने शुरू हो गए हैं। फाॅरेस्ट विभाग को पैसा दे दिया गया है। ऐसे पेड़ लग रहे हैं जो प्रदूषण से लड़ने की क्षमता रखते हैं। 28 लाख पेड़ यूपी में लग रहे हैं। 30 करोड़ रूपए यूपी सरकार को दिए हैं। दो हजार करोड़ का पूरा प्रोजेक्ट है।'' उन्होंने आगे कहा कि कानपुर में गंगा का नाला बंद होने को है। ऐसी इंडस्ट्री भी बंद कराई जा रही हैं जिनकी गंदगी गंगानदी में जा रही है।

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99.99 फीसदी ओडीएफ हुआ यूपी

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने यहां कहा कि ''उत्तर प्रदेश ने चमत्कारिक प्रगति की है। यूपी वर्ष 2014 तक 32 फीसदी ओडीएफ था। 2018 में अब तक 58 फीसदी बढ़कर 99.99 फीसदी ओडीएफ हो गया है। अब शहरों में कुछ कमी रह गई है, उसे दूर किया जा रहा है। दो अक्तूबर 2019 से पहले पूरा यूपी ओडीएफ हो जाएगा।'' आगे कहा कि ''यूपी में 1.70 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ है। गंगा किनारे के सभी गांव ओडीएफ हो चुके हैं। बीमारियों पर खर्च हाने वाले प्रति परिवार 50 हजार की बचत होने लगी है। लोगों को आश्चर्य होता है कि यहां तेजी से काम हुआ है। जनता की भागीदारी होने से प्रगति अच्छी हुई।

अब शुरू होगा ओडीएफ प्लस पर काम

शुक्रवार को बोर्डिंग ग्राउंड पर आयोजित सम्मेलन में कें्रदीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि ''गंगा किनारे के गांव ओडीएफ हो चुके हैं। अब ओडीएफ प्लस पर काम शुरू होना है। गंगा नदी के किनारे के गांव में तैयारी शुरू कर दी गई है। ये सभी निर्मल गांव बनाए जाएंगे। अन्य प्रकार की गंदगी और कचरा दूर किया जाएगा। यहां बाॅयोगैस, जैविक खाद बनाई जाएगी। बगीचा आदि लगाकर लोगों को तरह-तरह के रोजगार दिए जाएंगे।''

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सरकारों ने जो भूल की हमने निदान निकालें

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री उमा भारती ने कहा कि ''गंगा स्वयं में निर्मल है। साफ करने की बात हमारे मुंह से नहीं निकल सकती है। सरकारों ने जो भूलें कीं हमने उसके निदान निकाले हैं। इसके लिए 20 हजार करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है। योजना का साहबगंज से उद्घाटन हमने ही किया है। फेज वन में दो साल और फेज टू में चार साल लगेंगे। कुल 10 साल में पूरी तरह से गंगा निर्मल हो जाएंगी।''

गंगोत्री से गंगासागर तक नए स्ट्रक्चर तैयार हो रहे

गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन में मंत्री उमा भारती ने कहा कि ''एनटीपीसी, पेट्रोलियम मंत्रालय और रेलवे से एमओयू हुआ है। गंगोत्री से गंगासागर तक नए स्ट्रक्चर तैयार हो रहे हैं। वाटर पाइप के द्वारा डायवर्ट होगा, थोड़ा धीरज रखना होगा।''

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मां की तरह आस्था और बेटी की तरह जिम्मेदारी दिखाएं

गंगा को साफ और निर्मल करने के लिए मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी पर आस्था तो सबकी है, लेकिन इज्जत का भाव भी होना चाहिए। लोग माथा टेकते हैं और चरण छूते हैं। गंगा को माता समझते हैं। जैसे बेटी का पूरा ध्यान रखते हैं और उसको जिम्मेदारी समझते हैं उसी तरह गंगा की जिम्मेदारी लेनी होगी। मां की तरह आस्था भी बनाए रखनी होगी। नहीं तो गंगा मरती जाएंगी और मैली होती जाएंगी। गंगा किनारे जो हम लोग प्लास्टिक की बोतलें और कचरा फैलाते हैं वह न फैलाएं और खुद ही साफ करें। हर जगह योगी और मोदी ही सफाई नहीं करेंगे। मरा जानवर गंगा में नहीं फेंकेंगे इन संकल्पों से ही गंगा साफ हो पाएंगी।

गंगानदी किनारे जैविक खेती करेंगे

''गंगा नदी किनारे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसका मार्केट भी तैयार हो गया है। लोगों को जैविक खेती के लिए मोटीवेट करेंगे। देश ओडीएफ होने वाला है। ओडीएफ प्लस भी हो रहा है और यह एक चुनौती है। ओडीएफ लोगों का अधिकार था कि बहू-बेटियां खुले में न जाएं। ओडीएफ प्लस सबकी जिम्मेदारी है।

उमा बोलती रहीं और भीड़ जाती रही

अपने निर्धारित समय से करीब सवा दो घंटे देरी से पहुंची केंद्र सरकार की मंत्री उमा भारती जब बोल रहीं थीं तो पंडाल में बैठी भीड़ उठकर जाने लगी। उनके बोलने के दौरान आधे से अधिक पंडाल खाली हो गया। कई नौनिहाल कूड़ा-कचरा भी पंडाल में बीनते रहे। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री अर्चना पांडेय, सुब्रत पाठक, ब्लाॅक प्रमुख उमर्दा अजय वर्मा, पेयजल एवं स्वच्छता के महानिदेशक अक्षय रावत, निदेशक युगुल किशोर जोशी, डीएम रवीन्द्र कुमार, एसपी अमरेंद्र सिंह, सीडीओ एसके सिंह, डीपीआरओ जितेंद्र मिश्र, बीएसए दीपिका चतुर्वेदी मौजूद रहीं।

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