दुनिया को कोलिंडा की तरह ख़ूबसूरत होना चाहिए

जितनी बार मैंने उन्हें अपने खिलाड़ियों को गले लगाते देखा हर बार मुझे ये लगा कि एक माँ अपने बच्चे को समझा रही हो कि, "हार और जीत ज़िंदगी का हिस्सा है।तुम लोगों ने जो किया है उस पर गर्व है मुझे।"

अनु रॉयअनु रॉय   18 July 2018 6:06 AM GMT

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दुनिया को कोलिंडा की तरह ख़ूबसूरत होना चाहिएसाभार- इंटरनेट

परसों जब दुनिया फ्रांस के जीतने का जश्न मना रही थी और मैं ग़मजदा थी क्रोएशिया के हार जाने से। जिन पलों मैं लुका की उदास आँखों की तस्वीर को अपने फ़ोन में क़ैद रही थी, उन्हीं पलों में मेरी उदास नज़रें ठहरी एक ख़ूबसूरत महिला पर। जो व्लादिमीर पुतिन और मैक्रों के साथ मैदान में आयी। उन्होंने पहना था क्रोएशिया का जर्सी तो लगा उस देश की ब्रांड एम्बेसडर होंगी। फिर किसी एकंर ने उन्हें क्रोएशिया की प्रेसिडेंट 'कोलिंडा कित्रोविक' कहा।

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और जब तक मैं इस चीज़ को ख़ुद में उतार पाती कि किसी देश की राष्ट्रपति हैं वो इतने में खिलाड़ियों को मेडल पहनाया जाने लगा। जिस गर्मजोशी से कोलिंडा सबको गले लगा रही थी वो सबसे सुन्दर था।

जितनी बार मैंने उन्हें अपने खिलाड़ियों को गले लगाते देखा हर बार मुझे ये लगा कि एक माँ अपने बच्चे को समझा रही हो कि, "हार और जीत ज़िंदगी का हिस्सा है।तुम लोगों ने जो किया है उस पर गर्व है मुझे।"

मैं हैरान थी कि किसी देश का राष्ट्रपति होने के बावज़ूद कोई इतना सरल और सुंदर कैसे हो सकता है? जिस तरह से उन्होंने लुका को गले लगाया और कान में कुछ कहा वो अविस्मरणीय था मेरे लिए। उन्होंने लुका को उसके कानों के पास चूमा था।

उनका लुका को यूँ चूमना मानों आत्मा को चूमना था।

बाद समापन समारोह के मेरे मन में लुका और कोलिन्दा घूमती रहीं। आदत है मुझे कि वो जो मन को छू लेते हैं उनके बारे में सब जान लूँ। कोई शख़्स जो इतना ख़ूबसूरत है मन से आख़िर वो ऐसा बना कैसे।

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गूगल करने पर तमाम तरह की चीज़ें देखने को मिली। हैरानी की बात ये थी कि उनका नाम टाइप करने के बाद सर्च ऑप्शन में "कोलिंडा इन बिकिनी" और "कोलिंडा'ज बूब्स" ऊपर आये। इमेज पर जब क्लिक किया तो अमेरिकन रियलिटी स्टार "कोको" की तस्वीर को कोलिंडा की तस्वीर बता कर वायरल किया जा रहा था।

उन तस्वीरों को देख कर एक चीज़ जो समझ आयी कि, चाहे महिला किसी भी देश की हो, कितने भी प्रतिष्ठित पद पर हो मगर बज़ाय उनकी खूबियों को देखने लोगों को दिलचस्पी उसके शरीर में ही होती है।

ऐसा नहीं है कि कोलिंदा की बिकिनी में तस्वीर नहीं है या फिर ये कोई ग़लत बात है। हर इंसान को अपने शरीर के साथ नॉर्मल होने का हक़ है। वो जिसमें कम्फर्टेबले महसूस करे उस परिधान में घूम सकता है। बेवज़ह ऑब्जेक्टिफिकेशन सराहा जाना चाहिए हर रंग रूप और नस्ल को।

खैर, जब मैंने कोलिंडा के बारे में पढ़ना शुरू किया तो लगा कि 'ज्ञान' एक ऐसी चीज़ है जो आपको खूबसूरत बनाती है। निखारती है।सँवारती है।

कोलिंडा के ख़ूबसूरत चेहरे को और नैसर्गिक उनकी बुद्धिमता बनाती है।

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29 अप्रैल 1968 को जन्मी कोलिंडा हार्वर्ड, जॉर्ज वाशिंगटन और जॉन हॉपकिंस की स्कॉलर रह चुकी हैं। वो इंग्लिश स्पेनिश लिटरेचर से ग्रैजुएट है। पोस्ट ग्रैजुएशन उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशनशिप में किया है।

2015 में क्रोएशिया की राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी डॉक्ट्रेट की डिग्री को पूरा किया।

सिर्फ इतना ही नहीं कोलिंदा एक्स-आर्मी कमांडो भी रह चुकी हैं। वो पहली महिला असिस्टेंट सेक्रेटरी बनीं NATO की। जब वो इस पद पर कार्यरत थी उन दिनों अफ़ग़ानिस्तान के कई दौरे भी किये। वो NATO में SWAMBO यानि "That is she who always must be obeyed" के नाम से प्रसिद्ध हैं।

अपने व्यवहार में अनुशाषन और पद के प्रति कर्तव्यनिष्ठा की वजह से जॉर्ज बुश द्वितीय, और ओबामा तक को अपना क़ायल बना चुकी हैं।

वो चाहती तो एक जेट से रूस पहुँचती मैच देखने के लिए। मगर उन्होंने ने चुना इकॉनमी क्लास से सफर करना। जिसका टिकिट भी उन्होंने ख़ुद ख़रीदा।

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जब वो मैच देखने पहुंची तो VIP बॉक्स के सारे नियमों को ताक पर रख अपने देश की जर्सी को पहन, मैच के दौरान वो पुतिन से रशियन और मैक्रों से फ्रेंच में एक साथ बात करती नज़र आयी। वो रशियन, फ्रेंच, इंग्लिश के अलावा जर्मन, इटैलियन, और डैनिश भाषाओ में भी बात कर सकती हैं।

कोलिंडा के बारे में इन सारी बातों को जानने के बाद उनकी वो छवि जिसमें बारिश के दौरान प्रेम से उन्होंने मैक्रों के कंधे पर सिर टिका दिया और भी प्यारी हो गयी है।

वो पल जिसमें पुतिन को सबसे पहले छाता ला कर बारिश से सुरक्षित किया जा रहा था। उसी पल में इंसानी रिश्तों की एक ख़ूबसूरत तस्वीर बूंदों के साथ लिखी जा रही थी।

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दो प्रतिद्वन्द्वी देश के प्रेसिडेंट खेल और राजनीति को भुला उन बौछाड़ों में मन को भिगों रहे थे। जिसमें कोई अश्लीलता या किसी तरह के प्रेम संबंधों की बात नहीं थी। वो पल इंसान के इंसान होने का गवाह बन रहा था।

मेरे लिए इन दिनों कोलिंडा कित्रोविक सबसे ख़ूबसूरत स्त्री हैं। जिनको देख कर लगता है कि दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों को कुछ उनके जैसा होना चाहिए। नेता होने के बाद में इंसान बने रहा जा सकता है ये कोलिंडा सिखाती हैं। भले ही क्रोएशिया फीफा का चैम्पियन नहीं बन पाया लेकिन दुनिया की नज़रों में वो छोटा देश और उसकी राष्ट्रपति ने एक अलग छाप जरूर छोड़ी है।जिससे आने वाले दिनों में देश का फ़ायदा निश्चित होगा।

सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम लिख रही हूँ कोलिंडा आपके लिए।क्रोएशिया के लिए। और लुका आपकी उदास आँखों के लिए।

   

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