500 से ज्यादा युवक-युवतियां 4 साल से लगा रहे हैं ITI के चक्कर

Ajay MishraAjay Mishra   18 Sep 2017 3:56 PM GMT

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500 से ज्यादा युवक-युवतियां 4 साल से लगा रहे हैं ITI के चक्करराजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कन्नौज 

कन्नौज। निजी प्रशिक्षण केंद्रों की ओर से छात्र-छात्राओं को अंकपत्र और प्रमाण पत्र आसानी से न मिलने के तो अक्सर मामले सामने आते हैं, लेकिन अब सरकारी संस्थानों में भी ऐसा हो रहा है। कन्नौज में आईटीआई से प्रशिक्षण पाने वाले करीब पांच सौ युवक-युवतियां अंकपत्र के लिए परेशान हैं।

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब सात किमी दूर बेहरिन गाँव में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में वर्ष 2013 के बाद से विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण पाने वाले छात्र-छात्राओं को अब तक अंकपत्र नहीं मिल सके हैं। कुछ दिनों पहले प्रमाण पत्र तो आए, लेकिन उनमें वर्ष 2014-15 के प्रमाण पत्र भी नहीं आ पाए हैं।

स्टेनो ट्रेड से उत्तीर्ण आभा बताती हैं, ‘‘निजी और सरकारी विभागों में वैकेंसी निकलती है, लेकिन अंकपत्र और प्रमाण पत्र न मिलने की वजह से कहीं भी अप्लाई नहीं कर पा रही हूं। मैंने तीन साल पहले आईटीआई कन्नौज में स्टेनो में प्रवेश लिया था। पास किये हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन सरकारी संस्थान का यह हाल है।’’ आभा आगे कहती हैं, ‘‘मेरे साथ में कई सहेलियां भी थीं, उनके भी प्रमाण पत्र और अंकपत्र नहीं मिले हैं।’’

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इस साल से तीन आईटीआई

जिले में पहले बेहरिन में ही आईटीआई था। अब तीनों तहसील क्षेत्र के अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्र बन गए हैं। तिर्वा तहसील क्षेत्र का जनखत में, छिबरामऊ का तालग्राम में और कन्नौज का बेहरिन में आईटीआई चल रहा है।

“अंकपत्र लखनऊ से ही नहीं आए हैं। पता लगा है कि जहां से अंकपत्र और प्रमाण पत्र छपते थे, वहां कुछ गड़बड़ी हुई है। इसलिए देरी हुई है। प्रमाण पत्र जरूर आ गए हैं। वर्ष 2014-15 के प्रमाण पत्र शायद अंकपत्र के साथ ही आएंगे। कुछ ट्रेडों में दिक्कत हुई है।’’
सुभाष, संस्थान के लिपिक

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