त्योहारी सीजन में चल रह ठगों का खेल, आठ हजार के डिब्बे में दो हजार के ड्राई फ्रूट्स

Sundar ChandelSundar Chandel   11 Oct 2017 2:15 PM GMT

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त्योहारी सीजन में चल रह ठगों का खेल, आठ हजार के डिब्बे में  दो हजार के ड्राई फ्रूट्सप्रतीकात्मक चित्र 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। त्योहार का सीजन चल रहा है। लोग एक-दूसरे को गिफ्ट देकर खुशियां मानते हैं। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि त्योहारी सीजन में ड्राई फ्रूट्स के सजे हुए डिब्बों के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है। पहले तो इनमें बताई गई मात्रा के अनुरूप ड्राई फ्रूट्स होती ही नहीं है, दूसरा कब तक ये खाने योग्य हैं, इसका भी पता नहीं। साथ ही जितनी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स हैं, उनसे चार गुनी कीमत पर ग्राहकों को बेचा जा रहा है।

गढ़ रोड पर ड्राई फ्रूट्स की थाल में 500-500 ग्राम बादाम, किशमिश, अखरोट, काजू और मुनक्के हैं, जिनकी कीमत 2000 से ज्यादा नहीं है, लेकिन लुभावनी पैकिंग के कारण दुकानदार ने इसकी कीमत 8150 रुपए रखी है, जबकि डिब्बे पर न वेट दर्ज है और न ही समय-सीमा।

लुभावनी पैकिंग से मोटी कमाई

नियमों को ताक पर रख दुकानदार ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं। ऐसा करने से आपके साथ धोखा तो हो ही रहा है, साथ ही वैट की चोरी भी हो रही है। आबूलेन, गढ़ रोड, बुढ़ाना गेट पर मिठाई की दर्जनों दुकानों पर ये डिब्बे सजे रखे हैं। इन डिब्बों पर न तो वजन दर्ज है और न ही कीमत और न ही बेस्ट बीफोर की चेतावनी लिखी होती है।

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125 करोड़ का कारोबार

शहर के प्रसिद्ध मिठाई कारोबारी रामचंद्र सहाय के मालिक वरुण गुप्ता बताते हैं, “मेरठ में मिठाई एसोसिएशन के अंदर 152 कारोबारी आते हैं। पिछली दिवाली पर सभी ने मिलकर 125 करोड़ रुपए का कारोबार किया था, इस साल ज्यादा कारोबार होने की संभावना है।”

पैकेजिंग नियम का पालन न करने वाले विक्रेताओं पर बांट मापतौल की नजर है। जल्द ही ऐसे दुकानदारों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
केके शर्मा, उप नियंत्रक बांट मापतौल

पैकेजिंग नियमों का उल्लंघन

विधिक माप विज्ञान पैकेज्ड आइटम नियम 2011 के अनुसार डिब्बे में पैक हर वस्तु पर कमोडिटी कानून लागू होता है। इस तरह के पैकेट में रखे गए सामान की मात्रा, उसकी सभी टैक्स सहित एमआरपी, एक्सपाइरी डेट और पैक करने वाली कंपनी का टेलीफोन नंबर होना आवश्यक है। उपभोक्ता मामलों के जानकार अधिवक्ता पंकज कुमार बताते हैं, “ऐसे मामलों में ठगे जाने वाले उपभोक्ता फोरम में शिकायत नहीं कर सकते। इसके लिए पक्का बिल और एमआरपी होना जरूरी है।”

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