बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नाम पर हो रही ठगी,​बाजार ​में मिल रहा फर्जी फॉर्म

Khadim Abbas RizviKhadim Abbas Rizvi   26 Sep 2017 8:02 PM GMT

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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नाम पर हो रही ठगी,​बाजार ​में मिल रहा फर्जी फॉर्मफोटो: गाँव कनेक्शन 

बीसी यादव/स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

जौनपुर/मछलीशहर। 'बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ' योजना के नाम पर भोली-भाली जनता को इन दिनों ठगा जा रहा है। ठग फर्जी फॉर्म बनाकर लोगों को गुमराह कर सरकार की तरफ से दो लाख रुपए दिलाने का दावा करके चूना लगा रहे हैं। मछलीशहर में अब तक हजारों लोगों ने दो लाख रुपए मिलने की बात सुनकर फॉर्म भरा है। फॉर्म 15 रुपए का दिया जा रहा है लेकिन फॉर्म की कमी होने पर इसे ब्लैक पर 50 रुपए से अधिक पर बेचा गया है। डाकघरों में हर रोज 150 फॉर्म की रजिस्टरी भारत सरकार एवं बाल विकास मंत्रालय के नई दिल्ली के पते पर भेजी जा रही है। हालांकि इसकी हकीकत सिर्फ झूठ के सिवा कुछ और नहीं है।

फॉर्म पर ठगों ने नीचे लिखा है कि प्रधानमंत्री ने बेटी बचाव, बेटी पढ़ओ योजना की शुरुआत 200 करोड़ रुपए की राशि के साथ की है। यह योजना गाँव तथा शहर के लिए है। इस योजना के तहत सभी आठ वर्ष से लेकर 32 वर्ष तक की सभी बेटियों को दो लाख रुपए तक दिए जाने का प्रावधान है। ऐसी झूठी जानकारी देकर ठगों ने फॉर्म को बेचना शुरू कर दिया।

हर दिन लोग यह फॉर्म खरीद रहे हैं और फॉर्म पर दिए गए पते पर रजिस्ट्री और साधारण डाक आवेदन भेज रहे हैं। जबकि असल में इस योजना ऐसा कुछ है नहीं। यह महज एक अफवाह है। जो ठगों की ओर से फैलाई गई और जिसका फायदा वे उठा भी रहे हैं। जिले में मछलीशहर के आलवा दूसरी जगहों पर भी यह फॉर्म बिक रहा है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजनाथ यादव ने गाँव कनेक्शन को इसके बारे में जानकारी दी। गाँव कनेक्शन ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो मामला पूरी तरह से फर्जी निकला।

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हर दिन हो रही 150 पोस्ट

अकेले मछलीशहर इलाके में ही हर दिन 150 पोस्ट और साधारण डाक भारत सरकार एवं बाल विकास मंत्रालय शास्त्रीनगर नई दिल्ली के पते पर भेजी जा रही है। इसके अलावा शहर और दूसरे ग्रामीण इलाकों में भी लोग इस आशा में कि उनकी बेटी को दो लाख रुपए सरकारी की तरफ से मिलेगा] फॉर्म भकर भेज रहे हैं। इस फॉर्म में शैक्षणिक योग्यता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, धर्म, जाति, बैंक खाता संख्या,बैंक शाखा का नाम, आईएफएसई कोड, जन्मतिथि, माता पिता का नाम और पूरा पता पता लिखने का कॉलम दिया गया है।

इन लोगों ने भरा फॉर्म

गाँव कनेक्शन ने फॉर्म भरने वाली बभनियांव गाँव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुषमा से पूछा तो उन्होंने बताया, “अपनी दोबेटियों के लिए फॉर्म भरकर भेजा है। क्योंकि फॉर्म पर लिखा था कि दो लाख रुपए मिलेगा।” इसी तरह मोलनापुर की राधिका पाल, बभनियांव की ही दो बहनें नीशा और रीना जबकि सेमारी गांव की रहने वाली मीनू तिवारी ने भी इस उम्मीद में फॉर्म भरकर भेजा है कि उनके खाते में दो लाख रुपए आएंगे।

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सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं चल रही है। फर्जी फॉर्म बेचा जा रहा है। दुकानदारों और फोटो स्टेट करने वालों को निर्देश दिया गया है कि इस तरह का फॉर्म उनकी दुकान से मिला तो कार्रवाई की जाएगी।
विमल कुमार दुबे, एसडीएम मछलीशहर

पहले भी फर्जी फॉर्म से हुई है ठगी

वर्ष 2012 में जौनपुर के हेड पोस्ट ऑफिस में डाकिया पद के लिए विकलांग कोटे से एक सीट थी। उस परीक्षा का फॉर्म यह सूचना देकर बेचा गया कि बम्पर भर्ती जौनपुर के हेड पोस्ट ऑफिस में है। इसके लिए करीब 1400 आवेदन आए गए। तत्कालीन डाक अधीक्षक सीबी सिंह ने इसकी जानकारी दी। तब इस परीक्षा में बैठने के लिए पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार समेत अन्य जिलों से आवेदक आ गए थे।

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