दलहनी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है बारिश

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दलहनी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है बारिशप्रतीकात्मक तस्वीर

अंबरीश राय, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

गगहा (गोरखपुर)। पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश से खरीफ सीजन की कई फसलें तबाह हो चुकी है, जिसमें सबसे अधिक अरहर की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सोयाबीन, उड़द, मूंग और मूंगफली की फसल भी बर्बाद हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश के चलते खेत जलमग्न हो चुके हैं। मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई माह में अब तक 373.4 मिमी बारिश हो चुकी है। तेज बारिश के चलते खेती-किसानी के सभी काम ठप पड़े हैं।

उरूवा ब्लॉक के पचोह गाँव निवासी रामबचन यादव (52 वर्ष) ने बताया, “बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अरहर की फसल बर्बाद हो चुकी है। खेत में पानी भर गया है। अगर ऐसे ही पानी बरसता रहा तो हम लोग बर्बाद हो जाएंगे।” किसान से लेकर नौकरीपेशा वाले लोग परेशान हैं। अरहर से लेकर सोयाबीन और मूंगफली तक के खेत पानी से लबालब हो चुके हैं।

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गगहा ब्लॉक के चांडी गाँव निवासी चंद्रभान राय (60 वर्ष) ने बताया, “बारिश के चलते अरहर और सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। खेत जलमग्न पड़े हैं। खेती-किसानी का काम पूरी तरह से बंद है।” ब्रह्मपुर ब्लॉक के बनकट गाँव निवासी मैनेजर प्रसाद (71 वर्ष) ने बताया, “अरहर के खेत में पानी भरा है, जल निकासी के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा है, जबकि अरहर के खेत काफी ऊंचे स्थान पर है, तब यह स्थिति है कि वहां भी पानी भरा है।”

गगहा ब्लॉक के नरायनपुर गाँव निवासी राजन तिवारी (32 वर्ष) ने बताया, “बारिश बंद होने का नाम नहीं ले रही है। खेती के काम ठप पड़े हैं। घर से निकलना मुश्किल हो चुका है।”

गोरखपुर उपकृषि निदेशक डॉ. संजय सिंह ने बताया तेज बारिश के चलते अरहर की फसल को नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा उड़द, मूंग व मूंगफली की फसलें भी बर्बाद हुईं हैं। धान की रोपाई अभी जारी है, इसलिए धान के नुकसान होने का अनुमान कम है। अब अगर बारिश नहीं खुली तो धान की खेती भी असर पड़ सकता है।

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मौसम वैज्ञानिक केपी पाण्डेय ने बताया पूर्वांचल में जुलाई महीने में हो रही बारिश औसत से ज्यादा है। अब तक हुई बारिश के अनुसार औसत का आधा पानी गिर चुका है। इस एरिया से बादल हटने का नाम नहीं ले रहा है, वैसे 14 जुलाई तक बारिश होते रहने की संभावना है।

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