अब आम-अनार की खेती कर सकेंगे साथ - साथ

Sundar ChandelSundar Chandel   20 July 2018 8:55 AM GMT

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अब  आम-अनार की खेती कर सकेंगे साथ - साथप्रतीकात्मक तस्वीर

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर होने वाली अनार की खेती अब मेरठ में आम के साथ की जाएगी। कृषि विश्वविद्यालय में बाहर से लाई गईं अनार की आठ प्रजातियों पर शोध चल रहा है। इन्हें यहां के वातावरण के अनुकूल तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इनकी खेती शुरू की जाएगी। इसके लिए उद्यान विभाग ने किसानों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है।

मौसम की मार का होता है कम असर

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के बागावनी विभाग द्वारा अभी तक किए गए शोध कार्य से जो रिजल्ट सामने आए हैं, उनसे पता चल सका कि अनार यहां के मौसम के लिए अनुकूल है। वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में अनार की पौध तैयार की है।

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आम पर पड़ रही मौसम की मार को देखते हुए वैज्ञानिक अनार की खेती को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ साल से शोध कर रहे हैं। सबसे ज्यादा फोकस मौसम के अनुसार पौध को तैयार करने पर है क्योंकि यूपी में पिछले तीन वर्षों से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और सूखे से मौसम में काफी बदलाव दिख रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर आम की फसल पर दिखाई दे रहा है। आम की अपेक्षा अनार की फसल किसान के लिए सबसे अच्छी है।

अनार पर मौसम की मार का कम असर होता है। उद्यान विभाग के अधिकारी डॉ. सुनील कुमार बताते हैं, "शोध के माध्यम से अनार की फसल यहां के मौसम के हिसाब से उपयुक्त है। इसी को लेकर क्षेत्र के किसानों को जागरूक किया जाएगा। हमारे शोध स्टूडेंट ने गाँव-गाँव जाकर कुछ किसानों को समझाने की कोशिश की है, जिस पर कई किसानों ने आम के बाग में अनार की पौध लगाने का फैसला लिया है।"गाँव मवीकलां निवासी रामपत सिंह (54 वर्ष) बताते हैं, "इस बार मैंने आम के दो बीघा बाग में अनार के पेड़ लगाए हैं।

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ये हैं प्रमुख प्रजातियां

अनार की आठ प्रमुख प्रजातियों में मृदुला, गणेश, अरक्ता, मस्केटरेड, जालोन सीडलेस, फूले रक्ता, भगवा, जीवन 37 प्रजातियां नेशनल रिसर्च सेंटर पुणे, सेंट्रल एरिड रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर, गोविंद वल्लभ पंत पंतनगर, उत्तराखंड से लाई गई हैं।

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