गाजियाबाद में मौजूदा विधायक समेत हजारों के नाम वोटर लिस्ट से गायब
Pankaj Tripathi 20 Nov 2017 2:54 PM GMT

गाजियाबाद। निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बीच मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिसके चलते मोदीनगर के हजारों लोग मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे क्योंकि उनके नाम मतदाता सूची में शामिल ही नहीं हैं। इस पूरे मामले पर उच्च अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए बीएलओ को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।
जिले के सभी ब्लाकों से गड़बड़ी के समाचार मिल रहे है, जिनमें मोदी नगर में बड़े पैमाने पर लोगों के नाम वोटर लिस्ट में न होने पर इसकी शिकायत की गई है। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हजारों लोगों के साथ साथ बैंक कॉलोनी निवासी मौजूदा विधायक डा. मंजू शिवाच व उनके पति डा. देवेंद्र शिवाच का नाम भी मतदाता सूची से गायब है।
ये भी पढ़ें-लड़ना चाहते हैं निकाय चुनाव तो ये भी जानिए
इस बारे में स्थानीय निवासी मोदी नगर सौरभ ठाकुर (30 वर्ष) बताते हैं, “वोटर लिस्ट में सोची समझी साजिश के तहत लोगों के नाम काटे व जोड़े गए हैं। बीएलओ स्थानीय नेताओं की हाथ की कतपुतली की तरह उनके इशारे पर काम कर रहे थे। जो जैसे चाहा वैसे लोगों के नाम काटे। जबकि हाल ही में आए किराएदारों के पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है।“
आंकड़ों के मुताबिक पिछले नगर पालिका चुनाव में मोदीनगर शहर में सवा लाख से भी ज्यादा मतदाता थे। जो पांच साल बाद बढ़ने की बजाय घटकर 1.11 लाख के आसपास रह गए। शहर की कॉलोनियों में अधिकांश लोगों के साथ यह गड़बड़झाला हुआ है। अकेले वार्ड-7 वार्ड 9 व वार्ड 11 स्थित कॉलोनी में सैंकड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं। सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए ये लोग अब भी लगातार तहसील के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इस समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है।
स्थानीय निवासी सारिका (35 वर्ष) बताती हैं, “कई बार फार्म 6 भरने के बाद भी पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब है। लोक सभा की अलग लिस्ट विधान सभी की अलग लिस्ट व निगम चुनाव की अलग लिस्ट क्यों बनाई जा रही यह सब समझ के बाहर है। सभी जगह आधार को अनिवार्य किया गया है तो वोटर लिस्ट में भी यह करना चाहिए जिससे फर्जी मतदान में रोक लग सके व सभी के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करने में सहूलियत हो, ऐसी व्यवस्था प्रशासन को करनी चाहिए।”
ये भी पढ़ें-नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर 62 हजार हिस्ट्रीशीटरों पर निगाह, ये है पुलिस की तैयारी
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का अंतिम मौका 31 अक्टूबर था। इस बारे में एसडीएम पवन अग्रवाल बताते हैं, “जानकारी में आया है कि कुछ लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं। यह किस स्तर से चूक हुई, इसकी जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।“ एसडीएम ने आगे बताया, “7 नवंबर नामांकन का आखिरी दिन था।
ये भी पढ़ें-दोगुना खर्च कर सकेंगे पार्षद, यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories