बिजली कनेक्शन के बिना अधूरी है यहां की मूलभूत सुविधाएं

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बिजली कनेक्शन के बिना अधूरी है यहां की मूलभूत सुविधाएंप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुडेरवामाफी।

हरिनरायण शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोंडा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। फिर भी लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसकी प्रमुख वजह है स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव।गोंडा-बहराइच रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुडेरवामाफी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर करीब एक लाख लोगों के इलाज का जिम्मा है।

विकास खंड पडरी कृपाल का यह अस्पताल जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी पर गोंडा-बहराइच मुख्यमार्ग पर स्थित है। इसका निर्माण करीब 17 साल पहले हुआ था। इससे यहां के मुडेरवाकला, मुडेरवामाफी, ठडवरिया, पंउितपुरवा, हरसिंगपुर, बेसियाचेन, पिपराबाजार, तेलयानी डिहवा, कल्यानपुर, घीवपुर, जगदीशपुर समेत बीस गाँवों को स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ मिलने की उम्मीद जगी, लेकिन यहां पर बिजली, पानी तथा शौचालय की सुविधा न होने से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। बिजली और जेनरेटर न होने से सांप का जहर मारने व रैबीज के इंजेक्शन यहां नहीं रखे जाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक डॉक्टर और सात कर्मचारी तैनात हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित पानी की टंकी।

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“सभी अस्पतालों से समस्याओं को लेकर ब्यौरा मांगा गया है। जहां जो कमी होगी, उसे जल्द से जल्द सुधारा जाएगा।”
डॉ. उमेश कुमार सिंह यादव, सीएमओ, गोंडा

मुडेरवा कला गाँव के बिशंभर तिवारी (50 वर्ष) का कहना है, “यह अस्पताल लोगों की अपेक्षा पर पूरी तरह खरा नहीं उतर पा रहा है। यहां सुविधाएं न होने से डॉक्टर व मरीज दोनों यहां नहीं आना चाहते हैं।” वहीं, मुडेरवामाफी के अरुण कुमार (22वर्ष) का कहना है, “अस्पताल खुद बीमार चल रहा है। यहां हमारा इलाज कैसे होगा। मजबूरी में हम लोगों को प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है। वहां हमारा पैसा भी ज्यादा खर्च होता है।”

पानी की टंकी है, पर बिजली नहीं

अस्पताल में पानी की टंकी है और जलापूर्ति के लिए पाइप भी लगी है, लेकिन 15 साल से इस अस्पताल को बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया है। स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि बिजली विभाग में कनेक्शन का पैसा जमा है, लेकिन कनेक्शन नहीं हो पाया।

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