मौसम की मार, अस्पताल में बढ़े डायरिया के मरीज

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मौसम की मार, अस्पताल में बढ़े डायरिया के मरीजगर्मी का मौसम आते ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगता है।

नवीन द्विवेदी

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। मौसम की मार ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हर रोज बढ़ते तापमान में बैक्टेरिया और वायरस का हमला भी तेजी से बढ़ा है। नतीजतन सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। सबसे अधिक छोटे बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में हर रोजइस बीमारी का शिकार होकर दो सौ से तीन सौ लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।

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चिकित्सकों के अनुसार डायरिया के केस बढऩे की मुख्य वजह अधिक तापमान ही है। इस तापमान में डायरिया के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया वायरस को पनपने में आसानी होती है। बुधवार को जिला अस्पताल में डायिरया से पीडि़त होने पर मोनी (16) पुत्री गंगाराम निवासी केसरंगज, अनीता (2) पुत्री आशीष निवासी एबी नगर, महिंदर कुमार (4३) पुत्र बेचेलाल निवासी बीघापुर,संजय सिंह (35) पुत्र ज्ञानवीर निवासी शिवकुमार, कमलेश (3) पुत्र गुरुप्रसाद निवासी इब्राहिमबाग और कृष्णा (5) पुत्र रामसजीवन निवासी शांतीनगर को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ शोभित अग्निहोत्री बताते हैं,“ साफ सफाई की कमी से यह रोग और तेजी से फैलता है। आम तौर पर लोगहाथ धोने में लापरवाही करते हैं। वह सिर्फ हाथ को भिगा कर निकल जाते हैं। ऐसे में वायरस और बैक्टीरिया हाथों में ही रह जाते हैं। इस बीच खानाखाते समय वह हाथों के जरिए आंतों तक पहुंच जाते हैं, जिससे लोग डायरिया का शिकार हो जाते हैं।”

जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव बताते हैं,“ हमारी जरा सी सावधानी हमें इस रोग से बचा सकती है। हाईजीनमेनटेन रखने, खुले खाने का इस्तेमाल न करें, अधिक समय तक रखें खाने से परहेज करें, साफ पानी पीए और डायरिया होने पर ओआरएस काघोल और जिंक लेते रहें।”

      

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