पूर्वांचल विश्वविद्यालय बन रहा जुआरियों का अड्डा

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पूर्वांचल विश्वविद्यालय बन रहा जुआरियों का अड्डापूर्वांचल विवि में जुआ खेलते कर्मचारी 

मोहम्मद तारिक/कम्युनिटी जर्नलिस्ट

जौनपुर। जहां पर छात्र शिक्षा हासिल कर अपना भविष्य बनाते हैं, वहां पर जुआरियों का दरबार सजता है। ये जुआरी कोई और नहीं, बल्कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं और हर रोज परिसर में जुआ खेलते हैं। जो ड्यूटी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद रोजाना जुआ खेलने में मशगूल हो जाते हैं।

गाँव कनेक्शन रिपोर्टर ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परिसर के अंदर और उसके बाहर कर्मचारियों के जुआ खेलने का मामला उजागर कर रहा है। विश्वविद्यालय में तैनात कर्मचारी रोज सुबह वक्त से ड्यूटी पहुंचते हैं और फिर उनका पहला काम यह होता कि वह ड्यूटी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं। इसके बाद वह अपने अड्डे पर पहुंच जाते हैं।

जुआरियों का दो अड्डा विश्वविद्यालय के गेट के बाहर दो चाय—पान की दुकान है। वहां कर्मचारियों के जुआ खेलने के लिए तख्त लगा हुआ है। जहां वह बैठकर जुआ खेलने में रोज मशगूल रहते हैं। इसके अलावा परिसर के अंदर भी जुआ होता है। परिसर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के सामने एक कमरा खाली है। वहां पर तख्त लगा दिया गया। जहां दिनभर जुआ खेलने के शौकीन कर्मचारियों की जमात इकट्ठा होती है। इसके बाद दांव लगते हैं। इन कर्मचारियों की संख्या करीब 20 है। इसमें कई बड़े अधिकारी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।

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हैरत तो इस बात की हो रही है कि पंजाब नेशनल बैंक के सामने वाला कमरा, जहां पर जुआरियों का जमघट इकट्ठा होता है। वह प्रशासनिक भवन से महज 50 मीटर की दूरी पर है। इससे साफ है कि वहां से अधिकारियों का आना-जाना भी होता है। इसके बावजूद कभी भी अधिकारियों की नजर उन जुआरियों पर नहीं पड़ती है। या फिर यह कहा जाए कि सबकुछ देखकर भी अनदेखा किया जा रहा है।

चौकी भी है नजदीक

विवि परिसर में सुरक्षा-व्यवस्था की देख-रेख के लिए बनाई गई पुलिस चौकी भी ज्यादा दूर नहीं है। परिसर के बाहर जहां दो जगहों पर जुआ होता है। वहां पर कभी भी पुलिसकर्मियों की नजर नहीं पड़ी। या फिर उन्होंने देखना ही नहीं चाहा। जबकि पुलिसकर्मी एक दो बार राउंड जरूर लगाते हैं। कुछ लोगों ने बताया कि पुलिसकर्मियों जुआ होने की जानकारी है लेकिन वह कुछ कहते नहीं हैं।

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ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी। जहां पर जुआ हो रहा वहां पर गोपनीय ढंग से छापेमारी की जाएगी। इसके बाद कार्रवाई होगी।
डॉ. संजीव सिंह, उपकुलसचिव प्रशासन

ड्यूटी की जगह वसूली पर जोर

इन कर्मचारियों की कई बार ऐसी शिकायत भी आई कि वह ड्यूटी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद जुआ खेलने के साथ-साथ छात्रों से वसूली भी करते हैं। छात्रों को बहकाकर उनकी डिग्री निकालने और मार्कशीट में करेक्शन करने के साथ-साथ अन्य काम के लिए 200-300 रुपए तक वसूला जाता है। यह रेट तब और बढ़ जाता है जब कर्मचारियों को यह पता चल जाता है कि छात्र दूरे जिले से आया हुआ है।

छात्रों पर क्या पड़ेगा इसका असर

जुआ खेलने की बात विवि अधिकारियों के साथ-साथ छात्रों को भी है लेकिन कोई इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाता है। यही वजह है कि कर्मचारी जुआ खेलते हैं। अब सवाल यह है कि उनके जुआ खेलने से विवि परिसर में पढ़ाई करने वाले छात्रों पर क्या असर पड़ रहा होगा, लेकिन विवि प्रशासन है कि कोई एक्शन ही नहीं ले रहा है।

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