पूर्चांचल विश्वविद्यालय को ढूंढे नहीं मिल रहे छात्र

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पूर्चांचल विश्वविद्यालय को ढूंढे नहीं मिल रहे छात्रएडमिशन के लिए पूविवि में से कतरा रहे है छात्र, पिछले तीन वर्ष में गिरा ग्राफ

मोहम्मद तारिक -स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

करंजाकला/जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे प्रोफेशनल कोर्स में छात्र विवि प्रशासन को ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। एक वक्त ऐसा था कि पूविवि में एडमिशन के लिए एक सीट पर दस छात्र होते थे। अब हाल यह है कि लाख जतन करने के बावजूद ज्यादातर कोर्स में निर्धारित सीट भर नहीं पा रही है।

ऐसा नहीं है कि जिले छात्र यहां एडमिशन नहीं ले रहे हैं तो वह कहीं और भी प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला नहीं ले रहे है। छात्रों का रुझान पूविवि की बजाय दूसरी विवि की ओर मुड़ रहा है। जानकारों की मानें तो पिछले तीन वर्षों में पूर्वांचल विश्वविद्यालय का यह हाल सभी संकाय में रेगुलर टीचर की घटती संख्या की वजह से है।

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वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुल 20 कोर्स संचालित हो रहे हैं। विवि में एडमिशन की प्रक्रिया की बात करें तो इंजीनियरिंग, फॉर्मेसी और एमबीए की कुछ ब्रांच में दाखिला यूपीटीयू के माध्यम से होता है। बाकी कोर्स में छात्रों का प्रवेश विवि ही करता है। इसके लिए एंट्रेस एग्जाम भी होता है।

विवि के प्रबंधन संकाय में कुल 300 सीट है। जिसमें यूपीटीयू के जरिए 17 और विवि में सीधे प्रवेश लेने वाले छात्रों को मिलाकर 136 ने ही एडमिशन लिया है। इसमें एमबीए बीई, एमबीए एचआरडी, एमबीए एमएचआरडी, एमबीए फाइनेंस कंट्रोल, एमबीए ई कॉमर्स जैसे कोर्स संचालित होते हैं। इसी तरह अप्लाइड सोशल साइंस संकाय में 60 सीट में सिर्फ 18 छात्रों ने ही रुझान दिखाया है।

इस संकाय में मास्टर आॅफ अप्लाइड साइकोलॉजी में आठ और मास कम्युनिकेशन में 10 छात्रों ने ही दाखिला लिया है। इसके अलावा इंजीनियरिंग के विभिन्न ब्रांच में 360 सीट है, जिसमें केवल 177 छात्रों ने दाखिला लिया है। हालांकि इस बार फार्मेंसी में ज्यादा छात्र आए हैं। इसमें 60 सीटों में 59 छात्रों का दाखिला हो गया है।

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इसी तरह विज्ञान संकाय के दो कोर्स बायो टेक्नोलॉजी में 20 सीट के सापेक्ष 20, बायो केमेस्टी में 20 सीट के सापेक्ष 20 छात्रों ने दाखिला लिया है। हालांकि इंवारमेंटल साइंस में 30 सीट के मुकाबले सिर्फ दो छात्रों ने ही एडमिशन लिया है। दरअसल, विवि के ज्यादातर कोर्स में मौजूदा समय में रेगुलर टीचर की बहुत कमी है। हर ब्रांच में एक या दो टीचर ही परमानेंट हैं। बाकी संविदा पर पढ़ा रहा रहे हैं। इसके चलते छात्रों का रुझान विवि तरफ से घटा है।

क्या कहना है अभिभावकों का कहना -

आजमगढ़ के रहने वाले वीरेंद्र मौर्य का कहना है,“ उनका बेटे को आईएनए गाजियाबाद से बीटेक कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि पूविवि में एडमिशन करा दें लेकिन गुणवत्ता युक्त पढ़ाई न होने की बात पता चली तो उन्होंने अपने बेटा का एडमिशन पूविवि में नहीं कराया है।”

शहर के भंडारी स्टेशन निवासी आजाद खान कहते हैं, “ बेटे को पूर्वांचल विवि से एमबीए कराना चाहते थे लेकिन जब यह पता चला कि वहां पढ़ाने वाले ज्यादातर टीचर टेंपरेरी हैं। अब बेटे के बेहतर भविष्य को देखते हुए लखनउ की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाया है।”

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अब सीधे होगा पूविवि में प्रवेश -

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुरुवार तक काउंसलिंग समाप्त हो गई। इसके बावजूद कम छात्रों का दाखिला होने के नाते कुलपति से तीन विभाग के विभागध्यक्षों ने मुलाकात की है। कुलपति ने तीनों विभागाध्यक्षों से बातचीत करने के बाद जिन-जिन विभागों में सीट खाली रह गई हैं। वहां सीध्र प्रवेश की अनुमति दे दी है।

“ छात्र हमारे के लिए भगवान समान्य हैं। रेगुलर टीचरों की कमी है। इसके लिए विज्ञापन निकाला गया है। जल्द ही रेगुलर टीचरों की भर्ती की जाएगी।” प्रो. डॉ. राजा राम यादव ने बताया।

किस विभाग में कितनी सीट, कितना हुआ एडमिशन -

विभाग सीट एडमिशन

प्रबंधन संकाय 300 136

अप्लाइड सोशल साइंस 60 18

विज्ञान संकाय 90 62

फॉर्मेसी 60 59

बीटेक 360 177

एमसीए की काउंसलिंग चल रही है।

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