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ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

क्या है VB-G RAM G योजना? मनरेगा से है कैसे अलग, मजदूरों को क्या मिलेगा?
क्या है VB-G RAM G योजना? मनरेगा से है कैसे अलग, मजदूरों को क्या मिलेगा?

By Gaon Connection

ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 125 दिन मजदूरी रोजगार की गारंटी वाला ऐतिहासिक विधेयक पेश किया।

ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 125 दिन मजदूरी रोजगार की गारंटी वाला ऐतिहासिक विधेयक पेश किया।

मौसम बारिश और गिरी फ़सल कीमतें, किसानों की कमाई में रिकॉर्ड गिरावट: रिपोर्ट
मौसम बारिश और गिरी फ़सल कीमतें, किसानों की कमाई में रिकॉर्ड गिरावट: रिपोर्ट

By Gaon Connection

बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।

बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।

कमाई कराएगा मुर्गी पालन का ये तरीका
कमाई कराएगा मुर्गी पालन का ये तरीका

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गाँवों में पहले हर घर के आँगन में देसी मुर्गियाँ दिखती थीं… लेकिन अब वही परंपरा फिर लौट रही है और साथ ला रही है कमाई का नया मौका। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार तिवारी बता रहे हैं मुर्गी पालन का सही तरीका।

गाँवों में पहले हर घर के आँगन में देसी मुर्गियाँ दिखती थीं… लेकिन अब वही परंपरा फिर लौट रही है और साथ ला रही है कमाई का नया मौका। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार तिवारी बता रहे हैं मुर्गी पालन का सही तरीका।

Food and Agriculture Organization की घोषणा: 2026 होगा अंतरराष्ट्रीय महिला किसान वर्ष। जानिए भारतीय महिला किसानों के लिए क्यों है यह ज़रूरी?
Food and Agriculture Organization की घोषणा: 2026 होगा अंतरराष्ट्रीय महिला किसान वर्ष। जानिए भारतीय महिला किसानों के लिए क्यों है यह ज़रूरी?

By Preeti Nahar

अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।

अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।

इसे कहते हैं असली ज़िंदगी
इसे कहते हैं असली ज़िंदगी

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प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।

प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।

जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर
जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर

By Divendra Singh

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

MGNREGA हुआ पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना PBNREGA: मिलेगा 125 दिन का रोजगार, जानिए आवेदन प्रक्रिया और लाभ
MGNREGA हुआ पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना PBNREGA: मिलेगा 125 दिन का रोजगार, जानिए आवेदन प्रक्रिया और लाभ

By Preeti Nahar

मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कर दिया गया है। अब जरूरतमंद ग्रामीणों को 125 दिन का काम मिलेगा। संसद से मंजूरी मिलते ही यह लागू हो जाएगी। आसान आवेदन से गांवों में रोजगार बढ़ेगा और लोग शहरों की ओर कम भागेंगे।

मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कर दिया गया है। अब जरूरतमंद ग्रामीणों को 125 दिन का काम मिलेगा। संसद से मंजूरी मिलते ही यह लागू हो जाएगी। आसान आवेदन से गांवों में रोजगार बढ़ेगा और लोग शहरों की ओर कम भागेंगे।

Winter Pollution Alert: सर्दियों में हवा क्यों बन जाती है ज़हर? जानें कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी और बचाव के उपाय
Winter Pollution Alert: सर्दियों में हवा क्यों बन जाती है ज़हर? जानें कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी और बचाव के उपाय

By Preeti Nahar

सर्दियों की हवा इतनी ज़हरीली क्यों हो जाती है? कौन-कौन सी खतरनाक बीमारियाँ हमारे शरीर में चुपचाप घर कर लेती हैं? और सबसे ज़रूरी हम खुद और अपने परिवार को इस जहरीली हवा से कैसे बचा सकते हैं? ये जानिए King George Medical University, लखनऊ के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश से।

सर्दियों की हवा इतनी ज़हरीली क्यों हो जाती है? कौन-कौन सी खतरनाक बीमारियाँ हमारे शरीर में चुपचाप घर कर लेती हैं? और सबसे ज़रूरी हम खुद और अपने परिवार को इस जहरीली हवा से कैसे बचा सकते हैं? ये जानिए King George Medical University, लखनऊ के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश से।

जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया
जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया

By Dr SB Misra

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

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