By Gaon Connection
खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं तो आपको सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना है; इसके बाद आपकी लागत तो कम होगी ही, कमाई भी दोगुनी से तीन गुनी हो सकती है।
खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं तो आपको सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना है; इसके बाद आपकी लागत तो कम होगी ही, कमाई भी दोगुनी से तीन गुनी हो सकती है।
By Gaon Connection
खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं तो आपको सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना है; इसके बाद आपकी लागत तो कम होगी ही, कमाई भी दोगुनी से तीन गुनी हो सकती है।
खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं तो आपको सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखना है; इसके बाद आपकी लागत तो कम होगी ही, कमाई भी दोगुनी से तीन गुनी हो सकती है।
By गाँव कनेक्शन
लीची की खेती करने वाले किसान इस समय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन से नुकसान से बच सकते हैं, इस समय किसानों को रसायनिक कीटनाशकों से बचना चाहिए।
लीची की खेती करने वाले किसान इस समय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन से नुकसान से बच सकते हैं, इस समय किसानों को रसायनिक कीटनाशकों से बचना चाहिए।
By गाँव कनेक्शन
सब्जी और फल समेत दूसरी फसलों को कीट-पतंगों से बचाने के लिए किसान हजारों रुपए के रासायनिक कीटनाशक डालते हैं। लेकिन यही काम सिर्फ कुछ रुपए का एक फ्रूट प्लाई ट्रैप और फेरोमोन ट्रैप भी कर सकता है अगर किसान उसका ठीक से इस्तेमाल करें। सीतापुर के केवीके में आयोजित आईपीएम मेले में किसानों को ऐसे ही तमाम यांत्रिक विधियों के फायदे गिनाए गए और मुफ्त में कई उपकरण भी दिए गए।
सब्जी और फल समेत दूसरी फसलों को कीट-पतंगों से बचाने के लिए किसान हजारों रुपए के रासायनिक कीटनाशक डालते हैं। लेकिन यही काम सिर्फ कुछ रुपए का एक फ्रूट प्लाई ट्रैप और फेरोमोन ट्रैप भी कर सकता है अगर किसान उसका ठीक से इस्तेमाल करें। सीतापुर के केवीके में आयोजित आईपीएम मेले में किसानों को ऐसे ही तमाम यांत्रिक विधियों के फायदे गिनाए गए और मुफ्त में कई उपकरण भी दिए गए।
By Divendra Singh
इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट या एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन वो तरीका है, जिसमें फसल को खतपतवार, कीड़े और रोगों से बचाने के लिए ऐसे तरीके अपनाए जाते हैं जिनकी लागत बहुत कम आती है।
इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट या एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन वो तरीका है, जिसमें फसल को खतपतवार, कीड़े और रोगों से बचाने के लिए ऐसे तरीके अपनाए जाते हैं जिनकी लागत बहुत कम आती है।
By Gaon Connection
इस परियोजना के तहत कीटों से होने वाले नुकसान को कम करने और बेहतर कीट प्रबंधन तकनीकों के प्रयोग से असम नींबू की खेती का क्षेत्र 33 हेक्टेयर से बढ़कर 107 हेक्टेयर हो गया।
इस परियोजना के तहत कीटों से होने वाले नुकसान को कम करने और बेहतर कीट प्रबंधन तकनीकों के प्रयोग से असम नींबू की खेती का क्षेत्र 33 हेक्टेयर से बढ़कर 107 हेक्टेयर हो गया।
By Dr SK Singh
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
By Dr SK Singh
फरवरी-मार्च महीने में आम में बौर आने शुरु हो जाते हैं, लेकिन अगर बाग में अच्छे बौर पाने हैं तो किसानों को बौर लगने से पहले कुछ ज़रूरी काम निपटा लेना चाहिए।
फरवरी-मार्च महीने में आम में बौर आने शुरु हो जाते हैं, लेकिन अगर बाग में अच्छे बौर पाने हैं तो किसानों को बौर लगने से पहले कुछ ज़रूरी काम निपटा लेना चाहिए।
By Gaon Connection
अप्रैल के महीने में लीची में फल लौंग के आकार के हो जाते हैं; इसी समय बहुत सारे रोग और कीट भी लगते हैं, इसलिए किसानों को कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अप्रैल के महीने में लीची में फल लौंग के आकार के हो जाते हैं; इसी समय बहुत सारे रोग और कीट भी लगते हैं, इसलिए किसानों को कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।