जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया
जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया

By Dr SB Misra

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

Young Age में बाल झड़ना, डैंड्रफ और खुजली के असल कारण क्या हैं और हेयर ट्रांसप्लांट कब कराना चाहिए?
Young Age में बाल झड़ना, डैंड्रफ और खुजली के असल कारण क्या हैं और हेयर ट्रांसप्लांट कब कराना चाहिए?

By

आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।

आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।

जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल
जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल

By Gaon Connection

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं
हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं

By Gaon Connection

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

कुड़ुख भाषा को गीतों में बुनकर बचा रहीं दो आदिवासी बहनें
कुड़ुख भाषा को गीतों में बुनकर बचा रहीं दो आदिवासी बहनें

By Divendra Singh

दो आदिवासी बहनें जब मंच पर गाती हैं, तो उनकी आवाज़ सिर्फ संगीत नहीं, संस्कृति की पुकार बन जाती है। उनके गीत पूरे आदिवासी समाज से पूछते हैं कि क्या हम अपनी जड़ों, अपनी पहचान और अपनी कुड़ुख भाषा से दूर जाते जा रहे हैं?

दो आदिवासी बहनें जब मंच पर गाती हैं, तो उनकी आवाज़ सिर्फ संगीत नहीं, संस्कृति की पुकार बन जाती है। उनके गीत पूरे आदिवासी समाज से पूछते हैं कि क्या हम अपनी जड़ों, अपनी पहचान और अपनी कुड़ुख भाषा से दूर जाते जा रहे हैं?

हिम्मत की स्टिक, उम्मीदों का गोल: हॉकी वाली सरपंच की कहानी
हिम्मत की स्टिक, उम्मीदों का गोल: हॉकी वाली सरपंच की कहानी

By Gaon Connection

राजस्थान–हरियाणा बॉर्डर के एक छोटे-से गाँव में एक सरपंच ने हॉकी स्टिक उठाई और पूरी पीढ़ी की ज़िंदगी बदल दी। नीरू यादव-हॉकी वाली सरपंच ने उन लड़कियों के सपनों को नई उड़ान दी, जो कभी घर की चारदीवारी में कैद थीं। बिना ग्राउंड, बिना किट और बिना सपोर्ट के शुरू हुआ यह सफ़र आज हज़ारों बेटियों को हिम्मत, उम्मीद और ड्रिबलिंग की असली शक्ति सिखा रहा है।

राजस्थान–हरियाणा बॉर्डर के एक छोटे-से गाँव में एक सरपंच ने हॉकी स्टिक उठाई और पूरी पीढ़ी की ज़िंदगी बदल दी। नीरू यादव-हॉकी वाली सरपंच ने उन लड़कियों के सपनों को नई उड़ान दी, जो कभी घर की चारदीवारी में कैद थीं। बिना ग्राउंड, बिना किट और बिना सपोर्ट के शुरू हुआ यह सफ़र आज हज़ारों बेटियों को हिम्मत, उम्मीद और ड्रिबलिंग की असली शक्ति सिखा रहा है।

एक जनजातीय वैद्य की विरासत: सरोजिनी कैसे बचा रहीं दुर्लभ औषधीय पौधे
एक जनजातीय वैद्य की विरासत: सरोजिनी कैसे बचा रहीं दुर्लभ औषधीय पौधे

By Divendra Singh

छत्तीसगढ़ की जनजातीय वैद्य सरोजिनी पनिका पारंपरिक औषधीय ज्ञान को न सिर्फ़ जिंदा रख रही हैं, बल्कि उसे आधुनिक वैज्ञानिक समझ से जोड़कर ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका के नए रास्ते खोल रही हैं। लुप्तप्राय औषधीय पौधों की खेती से लेकर 200 महिलाओं के हर्बल यूनिट तक, उनकी कहानी परंपरा, जंगल और आत्मनिर्भरता की अनोखी मिसाल है।

छत्तीसगढ़ की जनजातीय वैद्य सरोजिनी पनिका पारंपरिक औषधीय ज्ञान को न सिर्फ़ जिंदा रख रही हैं, बल्कि उसे आधुनिक वैज्ञानिक समझ से जोड़कर ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका के नए रास्ते खोल रही हैं। लुप्तप्राय औषधीय पौधों की खेती से लेकर 200 महिलाओं के हर्बल यूनिट तक, उनकी कहानी परंपरा, जंगल और आत्मनिर्भरता की अनोखी मिसाल है।

COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?
COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?

By Manvendra Singh

भेड़-बकरी पालकों के लिए अलर्ट: ‘गोट प्लेग’ से बढ़ता खतरा, जानिए कैसे बचें PPR से
भेड़-बकरी पालकों के लिए अलर्ट: ‘गोट प्लेग’ से बढ़ता खतरा, जानिए कैसे बचें PPR से

By Gaon Connection

PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।

PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।

अमेज़न फिर से सांस ले रहा है, लेकिन जलवायु की जंग अभी भी है अधूरी
अमेज़न फिर से सांस ले रहा है, लेकिन जलवायु की जंग अभी भी है अधूरी

By Gaon Connection

ब्राज़ील ने 2024 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 17% की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की, जो 2009 के बाद सबसे बड़ी कमी है। यह सफलता मुख्यतः अमेज़न और सेराडो क्षेत्रों में वनों की कटाई घटने से मिली। लेकिन सूखे और जंगल की आग ने नए खतरे भी पैदा किए हैं - जो बताते हैं कि जलवायु की जंग अभी जारी है।

ब्राज़ील ने 2024 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 17% की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की, जो 2009 के बाद सबसे बड़ी कमी है। यह सफलता मुख्यतः अमेज़न और सेराडो क्षेत्रों में वनों की कटाई घटने से मिली। लेकिन सूखे और जंगल की आग ने नए खतरे भी पैदा किए हैं - जो बताते हैं कि जलवायु की जंग अभी जारी है।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.