ट्रंप का बड़ा राहत पैकेज, लेकिन भारत के चावल निर्यात पर खतरे की घंटी
ट्रंप का बड़ा राहत पैकेज, लेकिन भारत के चावल निर्यात पर खतरे की घंटी

By Gaon Connection

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।

खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास
खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास

By Divendra Singh

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका तक पहुँचा ‘पोषण का चावल’: भारत ने किया फोर्टिफाइड चावल का पहला निर्यात
छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका तक पहुँचा ‘पोषण का चावल’: भारत ने किया फोर्टिफाइड चावल का पहला निर्यात

By Gaon Connection

भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

ये है लाखों लोगों की जान बचाने वाला चमत्कारी चावल
ये है लाखों लोगों की जान बचाने वाला चमत्कारी चावल

By गाँव कनेक्शन

ir 8 529 साल के नेकांति सुब्बा राव पहले ऐसे भारतीय किसान थे जिन्होंने चावल की इस असाधारण खूबियों को खोज निकाला था। अब सुब्बाराव 80 साल के हो गए हैं और मुस्कुराते हुए साल 1967 को याद करते हैं जब उन्होंने दक्षिण-पूर्वी राज्य आंध्र प्रदेश में अपने एक छोटे से खेत में आईआर 8 की खेती की थी।

ir 8 529 साल के नेकांति सुब्बा राव पहले ऐसे भारतीय किसान थे जिन्होंने चावल की इस असाधारण खूबियों को खोज निकाला था। अब सुब्बाराव 80 साल के हो गए हैं और मुस्कुराते हुए साल 1967 को याद करते हैं जब उन्होंने दक्षिण-पूर्वी राज्य आंध्र प्रदेश में अपने एक छोटे से खेत में आईआर 8 की खेती की थी।

मांग बढ़ने से चावल बासमती के दाम में और तेजी आयी
मांग बढ़ने से चावल बासमती के दाम में और तेजी आयी

By गाँव कनेक्शन

भारत के लिए ख़ास क्यों है टूटे चावल से कूटनीतिक रिश्तों को पकाना
भारत के लिए ख़ास क्यों है टूटे चावल से कूटनीतिक रिश्तों को पकाना

By Gaon Connection

ज़रूरतमंद देशों में अनाज भेजना भारत के लिए नई बात नहीं है, समय समय पर दान के अलावा गेहूँ, चावल का निर्यात भी करता रहा है; लेकिन पिछले साल घरेलू बाज़ार में कीमतों को स्थिर करने के लिए टूटे चावल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, बावजूद इसके सरकार ने अब सिंगापुर, नेपाल, मलेशिया और फिलीपींस सहित नौ प्रमुख एशियाई और अफ्रीकी देशों को 2.77 मिलियन टन (एमटी) गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है; इससे किसानों को भी फायदा होगा।

ज़रूरतमंद देशों में अनाज भेजना भारत के लिए नई बात नहीं है, समय समय पर दान के अलावा गेहूँ, चावल का निर्यात भी करता रहा है; लेकिन पिछले साल घरेलू बाज़ार में कीमतों को स्थिर करने के लिए टूटे चावल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, बावजूद इसके सरकार ने अब सिंगापुर, नेपाल, मलेशिया और फिलीपींस सहित नौ प्रमुख एशियाई और अफ्रीकी देशों को 2.77 मिलियन टन (एमटी) गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है; इससे किसानों को भी फायदा होगा।

भारत के लिए ख़ास क्यों है टूटे चावल से कूटनीतिक रिश्तों को पकाना
भारत के लिए ख़ास क्यों है टूटे चावल से कूटनीतिक रिश्तों को पकाना

By गाँव कनेक्शन

ज़रूरतमंद देशों में अनाज भेजना भारत के लिए नई बात नहीं है, समय समय पर दान के अलावा गेहूँ, चावल का निर्यात भी करता रहा है; लेकिन पिछले साल घरेलू बाज़ार में कीमतों को स्थिर करने के लिए टूटे चावल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, बावजूद इसके सरकार ने अब सिंगापुर, नेपाल, मलेशिया और फिलीपींस सहित नौ प्रमुख एशियाई और अफ्रीकी देशों को 2.77 मिलियन टन (एमटी) गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है; इससे किसानों को भी फायदा होगा।

ज़रूरतमंद देशों में अनाज भेजना भारत के लिए नई बात नहीं है, समय समय पर दान के अलावा गेहूँ, चावल का निर्यात भी करता रहा है; लेकिन पिछले साल घरेलू बाज़ार में कीमतों को स्थिर करने के लिए टूटे चावल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, बावजूद इसके सरकार ने अब सिंगापुर, नेपाल, मलेशिया और फिलीपींस सहित नौ प्रमुख एशियाई और अफ्रीकी देशों को 2.77 मिलियन टन (एमटी) गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है; इससे किसानों को भी फायदा होगा।

चावल की इन किस्मों की भी खूब माँग है आप भी कर सकते हैं इनकी खेती
चावल की इन किस्मों की भी खूब माँग है आप भी कर सकते हैं इनकी खेती

By गाँव कनेक्शन

चावल कौन नहीं खाता, शायद ही कोई देश हो जहाँ इसे किसी न किसी रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता हो, सिर्फ भारत की बात करें तो इसकी हज़ारों किस्म मिल जाएँगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चावल की 20 किस्में ऐसी हैं जो अपने देश या विदेशों में सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं।

चावल कौन नहीं खाता, शायद ही कोई देश हो जहाँ इसे किसी न किसी रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता हो, सिर्फ भारत की बात करें तो इसकी हज़ारों किस्म मिल जाएँगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चावल की 20 किस्में ऐसी हैं जो अपने देश या विदेशों में सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं।

सेहत के साथ-साथ कमाई का जरिया है कोदो की खेती
सेहत के साथ-साथ कमाई का जरिया है कोदो की खेती

By Chandrakant Mishra

कोदो की खेती वहां भी की जाती है जहां पर बहुत कम वर्षा होती है। यह फसल शुगर फ्री चावल के तौर पर पहचानी जाने वाली मुख्य फसल है। आईयूसीएन रेड लिस्ट में शुमार कोदो (कुटकी) की रक्षा और लोकप्रिय बनाने के प्रयास जोर-शोर से शुरू सरकारों द्वारा कर दिये गये है।

कोदो की खेती वहां भी की जाती है जहां पर बहुत कम वर्षा होती है। यह फसल शुगर फ्री चावल के तौर पर पहचानी जाने वाली मुख्य फसल है। आईयूसीएन रेड लिस्ट में शुमार कोदो (कुटकी) की रक्षा और लोकप्रिय बनाने के प्रयास जोर-शोर से शुरू सरकारों द्वारा कर दिये गये है।

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