By Gaon Connection
बुंदेलखंड की सूखी ज़मीन से उगी है एक ऐसी कहानी जिसने हजारों महिलाओं की ज़िंदगी बदल दी। 2019 में शुरू हुई बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी आज 63,000 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार, आत्मनिर्भरता और सम्मान दे रही है और पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल रही है।
बुंदेलखंड की सूखी ज़मीन से उगी है एक ऐसी कहानी जिसने हजारों महिलाओं की ज़िंदगी बदल दी। 2019 में शुरू हुई बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी आज 63,000 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार, आत्मनिर्भरता और सम्मान दे रही है और पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल रही है।
By Manvendra Singh
By Manoj Bhawuk
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
By Devanshu Mani Tiwari
By Manisha Kulshreshtha
मनीषा कुलश्रेष्ठ हिंदी की लोकप्रिय कथाकार हैं। गांव कनेक्शन में उनका यह कॉलम अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने की उनकी कोशिश है। अपने इस कॉलम में वह गांवों की बातें, उत्सवधर्मिता, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगी।
मनीषा कुलश्रेष्ठ हिंदी की लोकप्रिय कथाकार हैं। गांव कनेक्शन में उनका यह कॉलम अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने की उनकी कोशिश है। अपने इस कॉलम में वह गांवों की बातें, उत्सवधर्मिता, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगी।
By Alok Singh Bhadouria
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट "टर्न डाउन द हीट" 2013 में इस बात पर शोध किया गया था कि अगर दुनिया का तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया और सब-सहारा अफ्रीका इलाकों पर उसके क्या परिणाम होंगे। भारत के बारे में उनके अनुमान कुछ इस तरह थे …
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट "टर्न डाउन द हीट" 2013 में इस बात पर शोध किया गया था कि अगर दुनिया का तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया और सब-सहारा अफ्रीका इलाकों पर उसके क्या परिणाम होंगे। भारत के बारे में उनके अनुमान कुछ इस तरह थे …
By गाँव कनेक्शन
By Arvind Singh Parmar
घरों में लटकते ताले किसानों की बर्बादी की गवाही दे रहे हैं। सितंबर माह के अंत और अक्टूबर माह की शुरुआत में हुई अतिवृष्टि से किसानों की उड़द दाल की फसल बर्बाद हो गई और वे अब पलायन के लिए मजबूर हैं।
घरों में लटकते ताले किसानों की बर्बादी की गवाही दे रहे हैं। सितंबर माह के अंत और अक्टूबर माह की शुरुआत में हुई अतिवृष्टि से किसानों की उड़द दाल की फसल बर्बाद हो गई और वे अब पलायन के लिए मजबूर हैं।
By मंजीत ठाकुर
By Neetu Singh