By Manvendra Singh
उत्तर प्रदेश में रबी सीजन अपने निर्णायक दौर में है। इस समय गेहूं, आलू, सरसों और दलहनों की फसल खेतों में खड़ी होती है और किसानों के लिए सबसे ज़रूरी होती है खाद। खासकर गेहूं में यूरिया की टॉप-ड्रेसिंग और आलू में डीएपी और एनपीके की जरूरत अचानक बढ़ जाती है। ऐसे वक्त में अगर खाद समय पर न मिले या ज़रूरत से कम मिले, तो पूरी फसल प्रभावित हो सकती है। इसी तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद की कालाबाज़ारी, नकली उर्वरकों की बिक्री और कृत्रिम कमी पैदा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA लगाने का फैसला किया है। यह फैसला जितना सख़्त दिखता है, उतने ही सवाल भी खड़े करता है। NSA क्यों लगाया गया, सरकार क्या दावा कर रही है, ज़मीन पर क्या हो रहा है और किसान इस पूरे सिस्टम को कैसे देख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में रबी सीजन अपने निर्णायक दौर में है। इस समय गेहूं, आलू, सरसों और दलहनों की फसल खेतों में खड़ी होती है और किसानों के लिए सबसे ज़रूरी होती है खाद। खासकर गेहूं में यूरिया की टॉप-ड्रेसिंग और आलू में डीएपी और एनपीके की जरूरत अचानक बढ़ जाती है। ऐसे वक्त में अगर खाद समय पर न मिले या ज़रूरत से कम मिले, तो पूरी फसल प्रभावित हो सकती है। इसी तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद की कालाबाज़ारी, नकली उर्वरकों की बिक्री और कृत्रिम कमी पैदा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA लगाने का फैसला किया है। यह फैसला जितना सख़्त दिखता है, उतने ही सवाल भी खड़े करता है। NSA क्यों लगाया गया, सरकार क्या दावा कर रही है, ज़मीन पर क्या हो रहा है और किसान इस पूरे सिस्टम को कैसे देख रहे हैं।
By Divendra Singh
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Manish Mishra
बिहार चुनाव 2025 के नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लिए तैयार, पढ़िए क्या थीं वो योजनाएँ जिन्होंने बिहार चुनाव में बहुमत हासिल कराई है।
बिहार चुनाव 2025 के नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के लिए तैयार, पढ़िए क्या थीं वो योजनाएँ जिन्होंने बिहार चुनाव में बहुमत हासिल कराई है।
By Gaon Connection
संवाद (Samvaad) - पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा अनोखा मंच बन गया है जो भारत और दुनिया की जनजातियों को संवाद, साझा सीख और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से जोड़ता है। इस वर्ष, संवाद 2025 का आयोजन 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा।
संवाद (Samvaad) - पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा अनोखा मंच बन गया है जो भारत और दुनिया की जनजातियों को संवाद, साझा सीख और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से जोड़ता है। इस वर्ष, संवाद 2025 का आयोजन 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा।
By Gaon Connection
भारत में मधुमक्खी पालन अब केवल शौक़ नहीं, बल्कि रोज़गार और आत्मनिर्भरता का मज़बूत साधन बन चुका है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के तहत सरकार किसानों और महिला समूहों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ रही है, जिससे शहद उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और निर्यात में नई ऊंचाई मिली है।
भारत में मधुमक्खी पालन अब केवल शौक़ नहीं, बल्कि रोज़गार और आत्मनिर्भरता का मज़बूत साधन बन चुका है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के तहत सरकार किसानों और महिला समूहों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ रही है, जिससे शहद उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और निर्यात में नई ऊंचाई मिली है।
By Sanjay Srivastava
By Manvendra Singh
By Manvendra Singh