By Divendra Singh
होली से पहले उपवास, पहाड़ से लाए गए पत्थरों के रंग और ढोलक-नगाड़ों की थाप, महाराष्ट्र के भील आदिवासियों का होली नृत्य सिर्फ़ उत्सव नहीं, एक जीवित परंपरा है। नंदूरबार के कलाकार गौतम खर्डे और उनकी मंडली इस लोककला को गाँव से राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा रहे हैं।
होली से पहले उपवास, पहाड़ से लाए गए पत्थरों के रंग और ढोलक-नगाड़ों की थाप, महाराष्ट्र के भील आदिवासियों का होली नृत्य सिर्फ़ उत्सव नहीं, एक जीवित परंपरा है। नंदूरबार के कलाकार गौतम खर्डे और उनकी मंडली इस लोककला को गाँव से राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा रहे हैं।
By Preeti Nahar
अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।
अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।
By Gaon Connection
बंगाल की खाड़ी के किनारे बसे ओडिशा के गाँव हर साल समंदर के ग़ुस्से का सामना करते हैं। साइक्लोन आते हैं, खेत डूब जाते हैं, घर उजड़ जाते हैं। लेकिन इन्हीं तटों पर महिलाओं ने एक ऐसा जंगल खड़ा किया है, जो सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि एक जीवित सुरक्षा कवच है।
बंगाल की खाड़ी के किनारे बसे ओडिशा के गाँव हर साल समंदर के ग़ुस्से का सामना करते हैं। साइक्लोन आते हैं, खेत डूब जाते हैं, घर उजड़ जाते हैं। लेकिन इन्हीं तटों पर महिलाओं ने एक ऐसा जंगल खड़ा किया है, जो सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि एक जीवित सुरक्षा कवच है।
By Gaon Connection
रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गाँव में, एक BSF जवान ने एक महिला की दर्दनाक मौत को सिर्फ याद नहीं रखा, उसने उसे बदलाव की जड़ बना दिया। सेवानिवृत्ति के बाद जहाँ लोग आराम की तलाश करते हैं, वहीं जगत सिंह चौधरी, जिन्हें लोग प्यार से ‘जंगली दादा’ कहते हैं, ने अपनी बंजर ज़मीन पर जंगल उगा दिया।
रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गाँव में, एक BSF जवान ने एक महिला की दर्दनाक मौत को सिर्फ याद नहीं रखा, उसने उसे बदलाव की जड़ बना दिया। सेवानिवृत्ति के बाद जहाँ लोग आराम की तलाश करते हैं, वहीं जगत सिंह चौधरी, जिन्हें लोग प्यार से ‘जंगली दादा’ कहते हैं, ने अपनी बंजर ज़मीन पर जंगल उगा दिया।
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प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।
प्रकृति के साथ तालमेल में भी ज़िंदगी जी जा सकती है… हरे-भरे खेतों के बीच खड़ा यह घर सिर्फ़ ईंट और छत नहीं, एक संदेश है।
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क्या आप जानते हैं कि जिस हवा में हम रोज़ सांस लेते हैं, वही अब हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है? 'स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2025' रिपोर्ट के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर के बाद, प्रदूषित हवा मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसका सबसे बुरा असर भारत के युवाओं पर पड़ रहा है।
क्या आप जानते हैं कि जिस हवा में हम रोज़ सांस लेते हैं, वही अब हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है? 'स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2025' रिपोर्ट के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर के बाद, प्रदूषित हवा मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसका सबसे बुरा असर भारत के युवाओं पर पड़ रहा है।
By Divendra Singh
दो आदिवासी बहनें जब मंच पर गाती हैं, तो उनकी आवाज़ सिर्फ संगीत नहीं, संस्कृति की पुकार बन जाती है। उनके गीत पूरे आदिवासी समाज से पूछते हैं कि क्या हम अपनी जड़ों, अपनी पहचान और अपनी कुड़ुख भाषा से दूर जाते जा रहे हैं?
दो आदिवासी बहनें जब मंच पर गाती हैं, तो उनकी आवाज़ सिर्फ संगीत नहीं, संस्कृति की पुकार बन जाती है। उनके गीत पूरे आदिवासी समाज से पूछते हैं कि क्या हम अपनी जड़ों, अपनी पहचान और अपनी कुड़ुख भाषा से दूर जाते जा रहे हैं?
By Gaon Connection
By Divendra Singh
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
By Manoj Choudhary
A nonprofit, Transform Rural India Foundation, is working with hundreds of thousands villagers in Ranchi and Simdega districts of Jharkhand to familiarise them with various government health schemes for pregnant and lactating mothers, including free institutional delivery.
A nonprofit, Transform Rural India Foundation, is working with hundreds of thousands villagers in Ranchi and Simdega districts of Jharkhand to familiarise them with various government health schemes for pregnant and lactating mothers, including free institutional delivery.