बोन टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद नेहा के दोषियों पर और सख्त हो सकता है कानून का शिकंजा

Deepanshu Mishra | Aug 29, 2018, 06:16 IST
लखनऊ के त्रिवेणी नगर में बच्ची से दरिंदगी के मामले में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों पर कानून का शिकंजा और सख्त हो सकता है।
#lucknow neha rape case
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। लखनऊ के त्रिवेणी नगर में बच्ची से दरिंदगी के मामले में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों पर कानून का शिकंजा और सख्त हो सकता है। पीड़िता का 23 अगस्त को बोन टेस्ट के लिए मेडिकल बैठा है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।

"इस मामले के तीनों आरोपी जेल में हैं। पीड़िता के मुताबिक उसकी उम्र 14 साल है, इसकी जांच के लिए बोन टेस्ट करवाया गया था, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में ऐसा साबित होता है तो पॉक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पीड़िता को इंसाफ दिलाने के हरसंभव प्रयास कर रही है।" दीपक कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी अलीगंज, लखनऊ ने बताया।

लखनऊ के त्रिवेणीनगर-2 निवासी सुधीर गुप्ता के घर काम करने वाली 15 साल की नेहा (बदला नाम) ने मकान मालिक और उसके परिजनों पर जबरन देह व्यापार समेत गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता के मुताबिक उसको दो साल तक घर में बंद रखा गया और शराब पिलाकर देहव्यापार कराया गया। पीड़िता के मुताबिक मना करने पर सुधीर गुप्ता ने उसकी उंगलियां तक काट दी थीं। एक दिन किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर अपनी बड़ी बहन के पास पहुंची, जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

दो साल तक रेप किया, उंगलियां काट दी, लेकिन अब सही धाराएं न लगाने का आरोप

इस मामले में शुरुआत में स्थानीय पुलिस पर हीलाहवाली के आरोप लगे। सीओ अलीगंज के मुताबिक पुलिस ने अपना काम काफी सक्रियता से दिखा तभी तीन आरोपियों को तीन दिन के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दीपक कुमार बताते हैं, 11 अगस्त को पीड़ित लड़की पुलिस के पास पहुंची उसने जो बताया उसके मुताबिक धारा 323, 325, 504, 506 और 342 मुकदमा दर्ज किया गया। उस वक्त पीड़ित ने बलात्कार आदि का जिक्र नहीं किया था। लेकिन 13 अगस्त को 164 सीआरपीसी बयान के बाद धारा 326, 376, 377, 344 और 500 में बढ़ोतरी की गयी। और 14 अगस्त को लगातार दबिश के बार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।'

रेप की धाराओं में देरी के लिए दीपक कुमार सिंह बताते हैं, मामला गंभीर था, तभी उसे मेरे पास लाया गया था, उस वक्त वो काफी डरी हुई थी, मेरे पूछने पर पीड़िता ने मारपीट, प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया लेकिन उस दौरान महिला संबंधी किसी अपराध (रेप, देहव्यापार) का जिक्र नहीं किया था, ना ही उसने लिखित तहरीर में ऐसा किया, इसलिए शुरुआत में तर्क संगत धाराएं लगाई गईं।'

क्षेत्राधिकारी आगे बताते हैं, जैसे पीड़िता ने बताया उस आधार पर केस दर्ज कर लिया गया था, लेकिन हम लोगों को आभाष हो गया था कि इसके पीछे मामला गंभीर है। इसलिए बलरामपुर अस्पताल में वृहत मेडिकल कराया गया उस क्षेत्र के लोगों से छानबीन की। आरोपी के घर दबिश दी गई, यहां तक कि उसके किराएदारों के साथ सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तक रखने पड़े। कई मुखबिर लगाए जिसके बाद आरोपी का सुराग मिला।"

"शराब पिलाकर रेप कराते थे, मना करने पर काट दी उंगलियां", 15 साल की लड़की ने रोते हुए कहा

पुलिस के मुताबिक जब पीड़िता के महिला कास्टेबल के सामने सीआरपीसी के बयान हुए उस दौरान सामने आया कि उसके गंभीर अपराध हुए हैं। महिला कांस्टेबल ने भी माना था कि पीड़िता सबकुछ बता पाने में सक्षम नहीं है, इसलिए वृहत मेडकिल करवाया जाए। इस बयान के आधार पर रिपोर्ट में धारा 326, 376, 377, 344 और 500 को जोड़ दिया गया था। इसी दौरान पीड़िता ने 2 अन्य आरोपियों के नाम लिए, जिसमें एक आरोपी सुधीर गुप्ता के रिश्ते की भाभी और दूसरी उसकी बेटी थी। मामला गंभीर होने पर इसकी जांच निरीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपी गई थी। 14 अगस्त को पीड़िता की निशानदेही पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज गया।

क्षेत्राधिकारी अलीगंज दीपक कुमार बताते हैं, बृहत टेस्ट में बोन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया था, अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट 17 अगस्त को मिली, 23 अगस्त को मेडिकल बोर्ड बोन टेस्ट के लिए बैठा है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट के आधार पर पॉक्सो लगाने का फैसला होगा।"

नेहा का परिवार त्रिवेणीनगर में रहता था। उसकी मां की बचपन में मृत्यु हो गई थी, जबकि पिता और भाई मानसिक रुप से विक्षिप्त हैं। उसकी बड़ी बहन की शादी हो गई थी। घर चलाने के लिए नेहा दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा किया करती थी, इसीलिए वो सुधीर गुप्ता के घर भी गई थी। पीड़िता परिवार के मुताबिक सुधीर गुप्ता ने उसे बंधक बना लिया और परिवार को बताया कि वो कहीं भाग गयी है। इस दौरान उससे दबरन देह व्यापार कराया गया। और मना करने परमारपीट की गई।

रक्तरंजित : परिवार अक्सर खुद ही दबाते हैं बलात्कार के मामले

गांव कनेक्शन से विशेष बातचीत में पीड़िता ने बताया था कि "सुधीर गुप्ता के यहाँ धंधा चलता था, हर दिन बाहर से छह सात आदमी और दो तीन लड़कियाँ आती हैं, इसी पैसे से इनके घर का खर्च चलता है। ये लोग कह रहे थे कि तुम्हारा चेहरा बिगाड़ देंगे जिससे तुम्हें कोई पहचान न पाए।" पीड़ित के मुताबिक वो नेहा को रोज इसलिए भी मारते-पीटते थे कि उसका चेहरा बिगड़ जाए और घर वाले पहचान न पाएं।

रक्तरंजित : 14 साल की बच्ची , जो बलात्कार के बाद अब 5 महीने के बच्चे की मां है

<br>

Tags:
  • lucknow neha rape case
  • Bone Test

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.