उत्तर प्रदेश के कई गाँवों में पहली बार पहुंची बिजली

प्रदेश के कई गाँव ऐसे हैं, जहां बिजली के खंभे तो लगे थे, लेकिन वहां बिजली नहीं पहुंची थी। योगी सरकार के प्रयास से अब उन गाँवों तक भी बिजली पहुंच गई है। प्रदेश सरकार के हर गाँव तक बिजली आर्पूति करने के वादे के बाद गाँवों में बिजली की दशा सुधरी है, मगर लक्ष्य अभी काफी दूर है।

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   25 Oct 2018 8:53 AM GMT

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उत्तर प्रदेश के कई गाँवों में पहली बार पहुंची बिजली

लखनऊ। प्रदेश के कई गाँव ऐसे हैं, जहां बिजली के खंभे तो लगे थे, लेकिन वहां बिजली नहीं पहुंची थी। योगी सरकार के प्रयास से अब उन गाँवों तक भी बिजली पहुंच गई है। गाँव कनेक्शन ने 'नागरिकों का रिपोर्ट कार्ड' के तहत प्रदेश में बिजली आर्पूति को लेकर कई जिलों के गाँवों में बिजली आर्पूति का हाल जाना।

बरेली के भुता ब्लाक के गाँव शेखापुर निवासी आदेश (25 वर्ष) ने बताया, "योगी सरकार में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली देने का प्राविधान 18 घंटे के लिए है, लेकिन 14-15 घंटे बिजली मिल जाती है। जो पिछली सरकारों के मुकाबले बहुत अच्छी है। पिछली सरकरों में तो कनेक्शन ही नहीं थे, लेकिन अबकी बार सरकार ने कनेक्शन भी दिये हैं।"

आदेश ने बताया, "अगर कभी ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है और उसे बदलने के लिए एप्लीकेशन दी जाती है तो जल्द से जल्द समस्या का करने की कोशिश की जाती है। कभी-कभी कर्मचारियों के कारण ज्यादा समय लग जाता है।"

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वहीं बृजेश यादव (26 वर्ष) वाराणसी जिले के चोलापुर ब्लॉक के धौराहा गाँव के निवासी हैं। बृजेश फोन पर बताते हैं, "हमारे गाँव में 22 घंटों तक बिजली रहती है। अगर बिजली से संबंधित कोई भी समस्या आती है तो कम्प्लेन करने पर जल्दी से जल्दी ठीक कर दी जाती है। ट्रांसफार्मर खराब होने पर 2-3 दिन में बदल जाता है। अगर कोई घटना हो जाती है तो फोन करने पर तुरंत बिजली काट दी जाती है।"

सौभाग्य योजना के तहत 1.18 करोड़ विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 52.55 लाख घरों और 73 हजार मजरों का विद्युतीकरण पूरा कराया गया है। इसमें सौभाग्य योजना के तहत 39.92 लाख घरों का विद्युतीकरण किया गया। शामली, बागपत, हापुड़ और गौतमबुद्धनगर में 335.66 करोड़ रुपए की लागत से 43 हजार शहरी और 1.24 लाख ग्रामीण घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

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वहीं, राजेश (45 वर्ष) चंदौली जिले के चंदौली ब्लॉक में सिकरी गाँव के रहने वाले हैं। राजेश ने बताया, "पिछली सरकारों में हमारे गाँव में लगभग 8-9 घंटे बिजली आती थी। अब योगी सरकार में कम से कम 10-12 घंटे तक बिजली आती है। अगर कभी हमारे यहां ट्रांसफारमर से संबंधित कोई समस्या आती है या वह खराब हो जाता है तो शिकायत करने पर 7-8 दिन में समस्या का समाधान हो जाता है।"

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उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड निदेशक वितरण विजय कुमार ने बताया, " दिसंबर 2018 तक हर इच्छुक व्यक्ति के घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। हम लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए। सौभाग्य योजना के तहत पूरे देश में सबसे ज्यादा कनेक्शन करीब 52 लाख उत्तर प्रदेश में दिया गया है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद बिजली के क्षेत्र में काफी काम हुआ है।"

साभर इंटरनेट

कई छोटे पुरवों में भी पहुंची बिजली

शिवप्रसाद यादव (28 वर्ष) श्रावस्ती जिले के सिरसिया ब्लॉक के लालपुर हरयतराय गाँव के निवासी हैं। शिवप्रसाद ने बताया, "हमारे गाँव में 12-13 घंटे बिजली आती है। इस सरकार में तो जहां 10-15 घर भी हैं वहां भी बिजली पहुंच गई है। अगर हमारे यहां ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है तो प्रधान के माध्यम से कम्प्लेन कर दी जाती है और 2-3 दिन में ट्रांसफार्मर बदल भी जाता है।"

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कई गाँवों में बिगड़ी बिजली व्यवस्था

योगी सरकार में जहां कई गाँव में बिजली पहुंची है वहीं कई गाँव ऐसे भी हैं जहां पिछली सरकारों में आ रही अच्छी बिजली की व्यवस्था बिगड़ गई है। शिवशंकर यादव (32 वर्ष) मऊ जिले के घोसी ब्लॉक में मऊरभोज गाँव में रहते हैं। शिवशंकर ने बताया, "पहले हमारे यहां 15-16 घंटे बिजली आती थी लेकिन इस सरकार में मुश्किल से 7-8 घंटे ही बिजली आती है। लाईट का कोई टाईम भी नहीं है और 10-15 मिनट पर कट-कट कर आती जाती है। अगर बिजली से जुड़ी कोई भी समस्या होती है तो सही करवाने के लिए कई-कई बार दौड़ना पड़ता है।"शिवशंकर का मानना है कि "केवल अखबारों में सरकार अच्छी लाइट देती है लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है।"

यूपी में रोजाना 42 हजार घरों को बिजली

केंद्रीय बिजली मंत्री ने पिछले दिनों कहा था, यूपी में रोजाना 42000 घरों को बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया, बिजली कंपनियों का घाटा 2014-2015 में जहां 60000 करोड़ रुपए था, वहीं 2017-18 में यह घटकर 18000 हजार करोड़ रुपए रह गया है।

    

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