सीतापुर में बुखार का कहर, 80 से ज्‍यादा लोग बीमार

गाँव में गंदगी की भरमार, जगह-जगह भरा गंदा पानी, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गाँव में डाला डेरा

Mohit ShuklaMohit Shukla   2 May 2019 10:39 AM GMT

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सीतापुर में बुखार का कहर, 80 से ज्‍यादा लोग बीमारप्रतीकात्मक तस्वीर

सीतापुर। गर्मी बढ़ने के साथ ही बीमारियां भी तेजी से पैर पसार रही हैं। यूपी के सीतापुर जनपद के गोंदलामऊ ब्लाक में करीब 80 लोग बुखार से ग्रसित हैं। वहीं करीब एक दर्जन लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। बुखार से पीड़ितों का इलाज सीएचसी में चल रहा है और गंभीर रूप से बीमार लोगों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले साल इसी क्षेत्र के करीब 10 गाँवों में बुखार फैल गया था, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी।

गोंदलामऊ विकासखंड के नटवलग्रंट सहित अन्य गाँवों में तेजी से बुखार का प्रकोप फैल रहा है। अब तक पांच नए गांवों में बुखार के करीब 60 मरीज सामने आ चुके हैं। इससे इन गाँवों में इनकी संख्या बढ़कर करीब सवा सौ पहुंच गई है। मलेरिया के 13 मरीज सामने आए हैं। नवलग्रंट में एक सप्ताह में बुखार का प्रकोप फैल रहा है। अब तक 80 लोग बुखार की चपेट में आ चुके हैं। इन मरीजों का गांव में इलाज चल रहा है। बुधवार को संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर सुनीत रावत और सीएमओ डॉक्टर आरके नैय्यर ने गाँव की जानकारी ली।

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गाँव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों की जांच करते हुुए।

करीब पांच माह पहले नटवलग्रंट सहित करीब 10 गाँवों में बुखार फैल गया था, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी। आखिर में स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों की वजह मलेरिया बताया था। बड़ा सवाल यह है कि बुखार के संक्रमण से बचाव में स्वास्थ्य महकमा द्वारा लापरवाही क्यों बरती गई, जबकि पिछले साल 50 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरा सवाल यह कि गांव में बुखार के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या इंतजाम किया गया है, क्योंकि संक्रमण घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा है।


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ग्रामीण राम नरेश बताते हैं, " गाँव मे गंदगी से नालियां बजबजा रही हैं। वहीं सरकारी हैंड़पम्पों के आस पास पानी भरा हुआ है। गाँव में एक बार भी न तो फॉगिंग हुई है आर न ही चूना डलवाया गया है। यहां तैनात सफ़ाई कर्मचारी कभी सफाई करने नहीं आता है। मेरी पत्नी रमा को करीब एक हफ्ते से बुखार आ रहा है। दवा खिलाई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं निकला। जब स्वाथ्य विभाग की टीम आई और जांच की तो मलेरिया की पुष्टि हुई। "

नालियों के जमा पानी में मच्छर पनप रहे हैं।

इसी गाँव के राम कुमार ने बताया, " मेरी बेटी रोशनी को काफी समय से बुखार आ रहा था। जब इसको सीएचसी गोंदलामऊ लेकर गए तो वहां डाक्टर ने बिना जांच किये ही बता दिया की सामान्य बुखार है।बाद में स्वास्थ्य विभाग ने जांच किया तो इसे मलेरिया निकला।अब इसका इलाज चल रहा है।"

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जमुनापुर नटवलपुर ग्रंट में जल निकासी के लिए एक भी नाली नहीं है। ऐसे में यहां के लोगों के घर से निकलने वाला गन्दा पानी घरों के आगे जमा हो जाता है। जिसमें मच्छर पनपते हैं।

सीएमओ सीतापुर डॉक्टर आरके नैय्यर ने बताया, " संक्रमित गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को लगाया गया है। मरीजों का सेंपल लेकर बीमारी का पता लगाया जा रहा है। सूचना मिलते ही मैं राज्य स्तरीय टीम के साथ गाँव का भ्रमण किया। जो भी मरीज मिले उनको तत्काल प्रभाव से एबुलेंस की सहायता से सीएचसी भेजा गया है। नटवलग्रंट गांव के किनारे से एक नाला निकला हुआ है। इस नाले में पानी का ठहराव रुका हुआ है। इसकी वजह से काफी दिनों से भरा पानी होने के कारण यह बदबूदार हो गया है। इसमें मच्छरों ने अपना ठिकाना बना लिया है। इस नाले के पड़ोस में रहने वाले लोग बुखार से पीड़ित है।"

मामला सामने आने पर गाँव में छिड़काव कराया गया।

जिला मलेरिया प्रभारी अधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया, " डीटीपी का छिड़काव करा दिया गया है। गाँव में मेडिकल टीमें रोजना देख रेख कर रही हैं। गाँव का निरीक्षण किया गया तो वहां सभी के घर के सामने पानी जमा हुआ मिला। जिस वजह से मच्छर पनप रहे हैं। ग्रामीण इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्वाथ्य विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों को भी साफ सफाई में सहयोग करना चाहिए।"

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