कैंसर पीड़ित किसान की बेटी का दर्द ‘मैं पढ़ना चाहती हूं, मम्मी कहती हैं पढ़ाई बंद करो’ आप भी कर सकते हैं मदद

Ajay MishraAjay Mishra   9 April 2018 3:39 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कैंसर पीड़ित किसान की बेटी का दर्द ‘मैं पढ़ना चाहती हूं, मम्मी कहती हैं पढ़ाई बंद करो’ आप भी कर सकते हैं मददपत्नी और बेटियों के साथ बैठा कैंसर पीड़ित किसान

गांव कनेक्शन में ख़बर प्रकाशित होने के बाद कन्नौज समेत देश के कई कोनों से लोगों ने महेंद्र कुशवाहा और उनकी बेटियों की पढ़ाई बंद न हो इसके लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। अगर आप भी किसी रुप में उनकी मदद करना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है।

ठठिया (कन्नौज)। किडनी के कैंसर से जूझ रहे किसान का दर्द जब सहन न हुआ तो पत्नी ने नौकरी छोड़ दी। तीन बेटियों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। चौथा बेटा भी पढ़ना चाहता है लेकिन दवा और दाने-दाने को मोहताज परिवार परेशान है, जिसके चलते उनकी हालत भी खराब हो रही है।

कन्नौज ज़िले के ठठिया के खेरेश्वर मंदिर के पास रहने वाली 38 वर्षीय पुष्पा कुशवाहा बताती हैं, ‘‘मेरे पति आठ-नौ महीने से काफी बीमार हैं। चार-पांच अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया, सभी ने किडनी का कैंसर बताया है। करीब एक से डेढ़ लाख रूपए खर्च कर चुके हैं। इलाज के लिए पांच बकरियां बेंच दीं। सौ रूपए पर पांच रूपए ब्याज पर कर्ज लिया है। करीब 50 हजार देने को है। सबका हिसाब लिखा रखा है।’

ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने आंधी तूफान से प्रभावित लोगों को राहत के दिए निर्देश

पुष्पा आगे बताती हैं, ‘‘पहले कानपुर में डॉ. एसके कटियार को दिखाया। फिर जेके कैंसर हास्पिटल में इलाज कराया। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और पीजीआई में भी इलाज चला। जांच में काफी पैसा खर्च हुआ।’’

‘‘भूखे रह लेंगे, लेकिन पति का दर्द बर्दाश्त नहीं होता है। 150 रुपए का हर रोज इंजेक्शन लगता है। कभी-कभी दो-तीन भी इंजेक्शन लगते हैं। रामपुर गाँव के प्रधान के पास गए थे, उन्होंने एक हजार रुपए दिए। हमको तो यह भी नहीं पता है कि किस अधिकारी और जनप्रतिनिधि के पास जाएं तो मदद हो सके।’’ पुष्पा यह कहते हुए फफक पड़ती है।

ये भी पढ़ें- जज्बे को सलाम: दिव्यांग युवक खेती से जीवन में ला रहा खुशहाली

आगे कहती हैं, ‘‘पति महेंद्र सिंह कक्षा नौ पास हैं। एक बीघा से कम खेती है, मजूरी करके की काम चलता रहा। मेरी 18 साल की बड़ी बेटी शव्या तिर्वा से बीएससी कर रही है। 16 साल की लवली ने हाईस्कूल के पेपर दिए हैं। दिव्यांषी कक्षा नौ में और 11 साल का बेटा अमित कक्षा छह में पढ़ रहा है।

शैव्या ने ‘गाँव कनेक्शन’ को बताया, ‘‘मम्मी कानपुर में रहकर बिस्किट फैक्ट्री में पांच हजार रुपए पर नौकरी करती थीं। उसी से घर का खर्च चलता था। जब से पापा बीमार रहने लगे तो वह नौकरी छोड़ आईं और घर पर हैं। हम बीएससी कर रहे हैं। पहली साल का एक पेपर देने का रह गया है।’’

ये भी पढ़ें- ग्राम प्रधान से तंग आकर ब्लैक बोर्ड पर सुसाइड नोट लिखकर शिक्षक ने किया आत्मदाह 

शैव्या ने आगे बताया ‘‘अब मम्मी कह रही हैं कि पढ़ाई बंद करो। पापा के इलाज में खर्च हो रहा है। दो साल रह गई हैं, मेरा पढ़ने का मन है।’’

उधर, एसडीएम तिर्वा ओपी गुप्ता का कहना है, ‘‘मुख्यमंत्री सहायता कोष से इलाज के लिए पैसा मिलता है। नगद नहीं दिया जाता है। अगर खाने को नहीं है पात्र गृहस्थी में हैं तो अनाज आदि दिलवा दिया जाएगा। सोमवार को उनको भेजिए।’

कन्नौज में सेल्स टैक्स विभाग के सहायक अायुक्त पंकज लाल ने कुछ ऐसे की पीड़ित परिवार की मदद

गांव कनेक्शन में ख़बर प्रकाशित होने के बाद कन्नौज समेत देश के कई कोनों से लोगों ने महेंद्र कुशवाहा और उनकी बेटियों की पढ़ाई बंद न हो इसके लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। अगर आप भी किसी रुप में उनकी मदद करना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है।

गांव कनेक्शन फाउंडेशन के माध्यम से आप भी कर सकते हैं... महेंद्र कुशवाहा की मदद

Gaon Connection Foundation
Bank Name : Kotak Mahindra Bank
Account no: 0311658563
IFSC Code: KKBK0000141
MICR Code: 226485002
Branch Code: 000141
Address - Lucknow - Shahjanaf Road 3 , Speed Building ,
Hazratganj Uttar Pradesh - 226001

ये भी पढ़ें- सड़क बनती है, फिर तोड़ी जाती है, और जनता का पैसा यूं ही बर्बाद होता रहता है... 

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.