बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं न कहा नेता बनने में नहीं है उनकी कोई रुचि 

Ajay MishraAjay Mishra   30 April 2018 2:28 PM GMT

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बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं न कहा नेता बनने में नहीं है उनकी कोई रुचि अच्छे अंक लाने वालों को मिठाई खिलाते प्रधानाचार्य

बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनकी राजनीति में कोई रूचि नहीं है। नेता बनना नहीं चाहते हैं, प्रशासनिक सेवा, डाॅक्टर, इंजीनियर और शिक्षक बनकर देश सेवा करना चाहते हैं।

जिला कन्नौज टाॅप करने वाली सेजल ने बताया, ‘‘छह से सात घंटे की पढ़ाई से ही 447 अंक पाए हैं। केमेस्ट्री और मैथ विषय अच्छा लगता है। हिन्दी टफ लगती है। मम्मी-पापा सपोर्ट करते रहे, तभी यह मुकाम मिला। पिताजी दुकानदार/किसान हैं। मां गृहणी हैं।’’

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सेजल ने आगे बताया, ‘‘जो लोग कहते हैं कि लड़कियों को कम पढ़ाना चाहिए यह उनके लिए सबक है। आईएएस में भी लड़कियां ही टाॅपर हैं। जो परीक्षार्थी कम अंक लाए हैं वह होपलेस न हों और आगे बढ़ें। इस सरकार ने नकल पर रोक लगाकर करप्शन दूर किया है।’’

प्रिया बताती हैं, ‘‘मन से की गई एक घंटे की पढ़ाई ही काफी होती है। इंजीनियर बनने का मेरा सपना है। पापा शिक्षक और मम्मी गृहणी हैं। इस सरकार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है। राजनीति में नहीं जाना चाहती हूं।’’

बौद्धनगर की निवेदी बताती हैं, ‘‘नकल पर रोक लगाकर सरकार ने अच्छा किया है। अब पढ़ाई करने वाला ही टाॅप करेगा। पहले तो कोई भी टाॅप कर लेता था। मैं शिक्षिका बनकर बच्चों का भविष्य बनाना चाहती हूं।’’

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मुस्कान ने बताया कि ‘‘पढ़ाई के मामले में घर का काफी सपोर्ट रहा। इंजीनियर बनने का सपना है। मैथ अच्छा विशय है। फिजिक्स कठिन लगता है। पांच-छह घंटे प्रतिदिन की पढ़ाई कर 88 फीसदी अंक प्राप्त किए। मेरे पिता व्यापारी हैं।’’ इंटर पास करने वाले नीतेष सक्सेना निवासी सखौली बताते हैं कि ‘‘शिक्षा व्यवस्था में रटने की प्रक्रिया को समाप्त कर जमीनी यानि प्रैक्टिकल ज्ञान अधिक दिया जाना चाहिए। मैं डाॅक्टर बनना चाहता हूं।’’

‘‘नकल पर रोक लगाना अच्छा है। काॅपियां भी अच्छे से चेक होनी चाहिए। काॅपी बेबसाइट पर डाली जाएं, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।’’
सेजल इंटरमीडिएट में कन्नौज टाॅपर

सरकारी काॅलेजों में ताले, निजी विद्यालयों ने बढ़ाया उत्साह

एक ही दिन घोषित हुए इलाहाबाद बोर्ड परीक्षा के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम के बाद सहायता प्राप्त/सरकारी काॅलेजों में ताले लटके रहे। निजी विद्यालयों में परीक्षार्थियों को बुलाकर हौसला आफजाई की गई।

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रविवार को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ‘गाँव कनेक्शन’ ने सरकारी विद्यालयों का हाल देखा तो अधिकतर में ताले लटके मिले। तिर्वा कस्बा स्थित डीएन इंटर काॅलेज में मुख्य द्वार बंद था। अंदर कोई भी शिक्षक या छात्र-छात्रा मौजूद नहीं था। बाहर युवक मोबाइल पर बात कर रहा था। बाद में इंद्रा देवी गर्ल्स स्कूल में पहुंचने पर पता चला कि कर्मचारी सो रहे थे। यहां भी कोई स्टाफ मौजूद नहीं था। न ही कोई छात्र या छात्रा।

यही हाल किसान इंटर काॅलेज का भी रहा। दूसरी ओर निजी स्कूल और काॅलेजों ने बच्चों को बुलाकर मिष्ठान वितरित किया। माला पहनाकर स्वागत और उत्साह बढ़ाया। साथ ही इंटरनेट पर यह भी देखा कि काॅलेज का रिजल्ट प्रतिषत कितना रहा। परीक्षार्थियों के अंकपत्र भी देखे। महेंद्र नीलम जनता इंटर काॅलेज में प्रधानाचार्य मदन मोहन, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर काॅलेज में प्रधानाचार्य श्री नारायन कोश्टा अपनी-अपनी टीम के साथ डटे रहे। प्रबंधक प्रदीप गुप्त उर्फ दीपू और कोशाध्यक्ष रामप्रकाश गुप्ता ने भी काॅलेज पहुंचकर रिजल्ट का हाल जाना।

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