By Divendra Singh
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
By Divendra Singh
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
By Divendra Singh
मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।
मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।
By Divendra Singh
अमेरिका द्वारा 25% टैरिफ बढ़ाए जाने से भारत का सीफूड और कृषि निर्यात गहरे संकट में है। जानिए कैसे हजारों किसानों, मछुआरों और निर्यातकों पर इसका असर पड़ेगा और सरकार क्या कदम उठा रही है।
अमेरिका द्वारा 25% टैरिफ बढ़ाए जाने से भारत का सीफूड और कृषि निर्यात गहरे संकट में है। जानिए कैसे हजारों किसानों, मछुआरों और निर्यातकों पर इसका असर पड़ेगा और सरकार क्या कदम उठा रही है।
By Divendra Singh
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
By Divendra Singh
आप उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे मैदानी राज्यों में रहते हैं और सेब की खेती करना चाहते हैं तो ये आपके काम की ख़बर है। अब आप भी सेब की खेती कर सकते हैं।
आप उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे मैदानी राज्यों में रहते हैं और सेब की खेती करना चाहते हैं तो ये आपके काम की ख़बर है। अब आप भी सेब की खेती कर सकते हैं।
By Divendra Singh
By Divendra Singh
कई बार फसलें सूखने लगती हैं, किसान समझ नहीं पाता कि आखिर ऐसे क्यों हो रहा है, जबकि रोग-कीटों से बचाने के लिए दवाई भी डालता है, जबकि इसके पीछे सूत्रकृमि यानी निमेटोड होते हैं। गाँव कनेक्शन की ख़ास सीरीज़ खेती के डॉक्टर इन्हीं सूत्रकृमियों के बारे में विस्तार से बात की गई है।
कई बार फसलें सूखने लगती हैं, किसान समझ नहीं पाता कि आखिर ऐसे क्यों हो रहा है, जबकि रोग-कीटों से बचाने के लिए दवाई भी डालता है, जबकि इसके पीछे सूत्रकृमि यानी निमेटोड होते हैं। गाँव कनेक्शन की ख़ास सीरीज़ खेती के डॉक्टर इन्हीं सूत्रकृमियों के बारे में विस्तार से बात की गई है।
By Divendra Singh
लखनऊ की इस बाग 352 से अधिक किस्मों के आम उगाते हैं एस.सी. शुक्ला, जिन्हें लोग ‘मैंगो मैन’ कहते हैं। आम उनके लिए सिर्फ फल नहीं, बल्कि संस्कृति, विज्ञान और भावनाओं का संगम हैं। हर साल उनकी आम प्रदर्शनी बिना किसी टिकट के लोगों को स्वाद, विरासत और विविधता का अनुभव देती है। जानिए उनके इस जुनून की कहानी।
लखनऊ की इस बाग 352 से अधिक किस्मों के आम उगाते हैं एस.सी. शुक्ला, जिन्हें लोग ‘मैंगो मैन’ कहते हैं। आम उनके लिए सिर्फ फल नहीं, बल्कि संस्कृति, विज्ञान और भावनाओं का संगम हैं। हर साल उनकी आम प्रदर्शनी बिना किसी टिकट के लोगों को स्वाद, विरासत और विविधता का अनुभव देती है। जानिए उनके इस जुनून की कहानी।
By Divendra Singh
किचन गार्डेन या छत पर लौकी लगाना चाहते हैं, लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि कौन सी किस्म लगाएँ? आप भी नरेंद्र शिवानी या नरेंद्र माधुरी लगा सकते हैं, जिन्हें खेत के साथ गमलों में भी लगा सकते हैं।
किचन गार्डेन या छत पर लौकी लगाना चाहते हैं, लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि कौन सी किस्म लगाएँ? आप भी नरेंद्र शिवानी या नरेंद्र माधुरी लगा सकते हैं, जिन्हें खेत के साथ गमलों में भी लगा सकते हैं।