0

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है।

By Divendra Singh

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है।

Weather Update: उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक रहेगा घना कोहरा, किसानों के लिए ज़रूरी सलाह
Weather Update: उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक रहेगा घना कोहरा, किसानों के लिए ज़रूरी सलाह

By Divendra Singh

उत्तर प्रदेश में सर्दी का असर तेज़ हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है। तराई जिलों में इसका असर सबसे ज़्यादा रहेगा, जिससे तापमान गिरने के साथ शीत दिवस और भीषण शीत दिवस की स्थिति बन सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने रबी फसलों को लेकर किसानों के लिए विशेष सलाह भी जारी की है।

उत्तर प्रदेश में सर्दी का असर तेज़ हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अगले कुछ दिनों तक घना से अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है। तराई जिलों में इसका असर सबसे ज़्यादा रहेगा, जिससे तापमान गिरने के साथ शीत दिवस और भीषण शीत दिवस की स्थिति बन सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने रबी फसलों को लेकर किसानों के लिए विशेष सलाह भी जारी की है।

क्या आने वाली पीढ़ियाँ गोडावण को सिर्फ़ किताबों में देखेंगी?
क्या आने वाली पीढ़ियाँ गोडावण को सिर्फ़ किताबों में देखेंगी?

By Divendra Singh

थार रेगिस्तान का गोडावण आज विलुप्ति के कगार पर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश, विशेषज्ञ समितियों की सिफ़ारिशें और ज़मीन पर संघर्ष- यह कहानी सिर्फ़ एक पक्षी की नहीं, बल्कि विकास और प्रकृति के बीच संतुलन की है।

थार रेगिस्तान का गोडावण आज विलुप्ति के कगार पर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश, विशेषज्ञ समितियों की सिफ़ारिशें और ज़मीन पर संघर्ष- यह कहानी सिर्फ़ एक पक्षी की नहीं, बल्कि विकास और प्रकृति के बीच संतुलन की है।

एक नया कल
एक नया कल

By Divendra Singh

जो फसल कभी बाहर से आती थी, वही अब कश्मीर की खेतों में उग सकती है। यह अरहर की कहानी नहीं, हिमालयी खेती के नए अध्याय की शुरुआत है।

जो फसल कभी बाहर से आती थी, वही अब कश्मीर की खेतों में उग सकती है। यह अरहर की कहानी नहीं, हिमालयी खेती के नए अध्याय की शुरुआत है।

एक उम्मीद
एक उम्मीद

By Divendra Singh

जलवायु परिवर्तन के दौर में कश्मीर को मिल रहा है, फसल विविधीकरण, मिट्टी की बेहतर सेहत, किसानों के लिए नया विकल्प, प्रोटीन सुरक्षा

जलवायु परिवर्तन के दौर में कश्मीर को मिल रहा है, फसल विविधीकरण, मिट्टी की बेहतर सेहत, किसानों के लिए नया विकल्प, प्रोटीन सुरक्षा

उत्पादन भी ज़्यादा
उत्पादन भी ज़्यादा

By Divendra Singh

जहाँ सामान्य उपज 2 टन/हेक्टेयर होती है, वहीं कश्मीर में 2.5 टन/हेक्टेयर तक उत्पादन मिला। यह सिर्फ़ प्रयोग नहीं, उम्मीद है।

जहाँ सामान्य उपज 2 टन/हेक्टेयर होती है, वहीं कश्मीर में 2.5 टन/हेक्टेयर तक उत्पादन मिला। यह सिर्फ़ प्रयोग नहीं, उम्मीद है।

नई किस्म कैसी हैं?
नई किस्म कैसी हैं?

By Divendra Singh

3-4 महीने में पकने वाली, ठंड सहने की क्षमता और कम समय में भी बेहतर उत्पादन, यानी हिमालय भी अब अरहर उगा सकता है।

3-4 महीने में पकने वाली, ठंड सहने की क्षमता और कम समय में भी बेहतर उत्पादन, यानी हिमालय भी अब अरहर उगा सकता है।

विज्ञान का मिला साथ
विज्ञान का मिला साथ

By Divendra Singh

अब विज्ञान ने एक नया रास्ता खोला है। ICRISAT और SKUAST-K ने मिलकर साबित किया है अरहर कश्मीर में उग सकती है।

अब विज्ञान ने एक नया रास्ता खोला है। ICRISAT और SKUAST-K ने मिलकर साबित किया है अरहर कश्मीर में उग सकती है।

क्यों पड़ी अरहर की ज़रूरत?
क्यों पड़ी अरहर की ज़रूरत?

By Divendra Singh

लेकिन समय बदला, खानपान बदला, पर्यटन बढ़ा और अरहर की मांग कश्मीर में लगातार बढ़ने लगी।

लेकिन समय बदला, खानपान बदला, पर्यटन बढ़ा और अरहर की मांग कश्मीर में लगातार बढ़ने लगी।

क्यों नहीं होती थी खेती?
क्यों नहीं होती थी खेती?

By Divendra Singh

ठंड जल्दी पड़ती है, खेती का मौसम छोटा है, अरहर को लंबी अवधि की फसल माना जाता था। इसलिए कश्मीर में अरहर की खेती की कोई कल्पना नहीं थी।

ठंड जल्दी पड़ती है, खेती का मौसम छोटा है, अरहर को लंबी अवधि की फसल माना जाता था। इसलिए कश्मीर में अरहर की खेती की कोई कल्पना नहीं थी।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.