50 साल में गाँव में बसाया पूरा जंगल

Update: 2016-06-05 05:30 GMT
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पाहीं (आजमगढ़)। आजमगढ़ जिले में एक गाँव है जहां बहुत शांति और हरियाली है। इस गाँव के एक शख्स ने पूरा जंगल बसा डाला है। इस जंगल में एक लाख से ज्यादा पेड़ होंगे। इस काम को करने में उसे करीब पचास साल लग गए।

जि़ला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर सठियांव ब्लॉक के पाहीं गाँव के एक किलोमीटर पहले से ही आप को अहसास होने लगेगा कि आप जंगल की ओर जा रहे हैं और आधा किलोमीटर पहले से सड़क के दोनों ओर लगे पेड़ आपको शीतलता का प्रदान कराएंगे। गाँव में भी चारों तरफ हरियाली है। सड़क के किनारे से लेकर खेतों की मेड़ों हर जगह बस पौधे हैं। गाँव के पास से गुजरने वाली नदी टमस के किनारे-किनारे पूरा जंगल ही बस गया है।

ये जंगल कोई वनविभाग की संपत्ति नहीं है और न ही हर के हर व्यक्ति की जमीन पर उगा है। जंगल और हरियाली का श्रेय यहा के दिवाकर सिंह (70 वर्ष) का जाता है। साल 1968 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एमएससी एग्रीकल्चर टॉप करने के बाद कहीं नौकरी करने के बजाय गाँव में ही खेती करने लगे। गाँव के पास से गुजरने वाली नदी के पास इनकी कई बीघा खेत खाली पड़ा था। वहीं से पेड़ लगाने शुरू कर दिए। 

एक गूलर के बड़े पेड़ की तरफ इशारा करते हुए दिवाकर सिंह बताते हैं, “गाँव आने के बाद मुझे लगा की कुछ अलग करना चाहिए, तभी से पेड़ लगाना शुरू किया और आज भी उसी तरह लगाता हूँ। नदी के किनारे कई किमी के दायरे में मैंने पेड़ लगा दिए जो अब पूरे जंगल बन गये हैं।” उनके द्वारा लगाये गये आम, शीशम, सुबबूल, शीशम, अर्जुन, सागौन और अमरुद जैसे पौधे अब पेड़ गए हैं। दिवाकर सिंह के बेटे भी उनका पूरा साथ देते हैं। बेटे अजय सिंह (40 वर्ष) ने साल 2011 में 13 बीघा जमीन में लगभग 30 हज़ार पौधे लगाए थे। पूरे गांव में एक लाख से ज्यादा पेड़ होंगे।

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