मुर्गी पालकों को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, जानिए क्या है यह योजना

Update: 2018-11-14 11:01 GMT
बाड़े की साफ सफाई करते मु्र्गी पालक

लखनऊ। मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कुक्कुट विकास नीति 2013-2018 को बढ़ाकर वर्ष 2018-2022 तक कर दिया है, ताकि छोटे मुर्गी पालकों इससे फायदा मिल सके।

इस योजना के तहत मुर्गी पालक 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट और 10 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित कर सकेंगे। पशुपालन विभाग के प्रशासन एवं विकास निदेशक डॉ चरण सिंह ने बताया, ''मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को 2022 तक बढ़ा दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में इस योजना के लिए छोटे-बड़े किसान आवेदन कर सकते है। कुक्कुट विकास नीति-2013 के तहत एक लाख 23 हजार ईकाईयां लक्ष्य रखा गया है। अगर कोई भी इस योजना का लाभ उठाना चाहता है तो अपने जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिख कर आवेदन कर सकता है।''

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इस योजना के तहत मुर्गी पालक तीन तरह इकाइयां (30 हजार पक्षी क्षमता, 10 हजार पक्षी क्षमता ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग) स्थापित कर सकते है। कुक्कुट विकास नीति 2022 के तहत 30 हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट संचालित करने के लिए मुर्गी पालकों को एक करोड़ 60 लाख रुपए की लागत लगानी पड़ेगी जिसमें लाभार्थी को 54 लाख और एक करोड़ 26 लाख का बैंक ऋण पास कराना होगा। वहीं दस हजार पक्षियों की कामर्शियल यूनिट स्थापित करने के लिए मुर्गी पालकों को 70 लाख रुपए का खर्चा आएगा, जिसमें 21 लाख रुपये लाभार्थी को लगाना होगा और 49 लाख रुपये का बैंक ऋण होगा। ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग लागत दो करोड़ छह लाख रुपये होगी। इस योजना तहत एक लाभार्थी कई यूनिट स्थापित कर सकता है। इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है।


"इस योजना के तहत वर्ष 2013-2018 तक एक करोड़ 23 लाख लक्ष्य था, जिसमें 70 लाख ईकाईयां लग चुकी है। छह-सात महीने में बाकी ईकाईयां भी स्थापित हो जाएंगी। वर्ष 2013 में शुरू हुई इस योजना मुर्गी पालन व्यवसाय से फायदा मिला है। इस योजना और प्राईवेट संस्थाओं से प्रदेश में डेढ़ करोड़ अंडे का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है।'' कुक्कुट विकास नीति 2022 के बारे में पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ टोडरमल ने गाँव कनेक्शन को बताया, इस योजना में यूनिट को 400 रुपए प्रतिमाह की दर से 10 साल तक बिजली के खर्चे में छूट भी दी जायेगी। इस योजना में अच्छी नस्ल के पक्षियों की व्यवस्था की गई है जिससे एक पक्षी से हर साल 320 अंडे उत्पादित किए जाऐंगे।

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इकाईयां स्थापित करने की शर्तें

30 हजार पक्षी क्षमता की इकाई की स्थापना के लिए लाभार्थी के पास तीन एकड़ जमीन होनी चाहिए। यह जमीन हाइवे, जलश्रोत, जलाशय, आबादी आदि से 500 मीटर दूर होने चाहिए। वहीं 10 हजार पक्षी क्षमता की इकाई के लिए लाभार्थी के पास एक एकड़ जमीन होनी जरूरी है। ब्रायलर पैरेंट फार्मिंग के लिए लाभार्थी के पास छह एकड़ भूमि होनी आवश्यक है। 

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