पासपोर्ट बनवाना हुआ और आसान, जरूरी नहीं होगा पुलिस वेरिफिकेशन, यह रहेगी नई व्यवस्था

Update: 2017-08-22 13:56 GMT
पासपोर्ट वेरिफिकेशन होगा ऑनलाइन

नई दिल्ली। पासपोर्ट बनवाने लिए पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन जल्द ही पुराने जमाने की बात होगी। क्योंकि सरकार इस सेवा को अपराधों और अपराधियों के राष्ट्रीय ब्यौरे से जोड़ने की योजना बना रही है। इस ब्यौरे से एक क्लिक पर आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी मिल सकेगी।

केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है। यह एक साल में पासपोर्ट आवेदकों का आनलाइन वेरिफिकेशन पुलिस द्वारा खुद जाकर सत्यापन करने की व्यवस्था की जगह लेगा।

कई राज्यों में सीसीटीएनएस हो रहा उपयोग

राजीव महर्षि ने कहा, 'कुछ राज्यों में पुलिस पहले से ही पासपोर्ट संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सीसीटीएनएस का उपयोग कर रही है। पुलिस को आवेदक के पते पर जाने के लिए हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरण दिए जाएंगे। उनकी जानकारियां नेटवर्क पर डाली जाएंगी। यह पुलिस से संपर्क को कम करेगा और समय घटाएगा।' साथ ही उन्होंने कहा कि ये बातें ऐसे समय कहीं गई जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरू किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है।

पासपोर्ट बनवाने के लिए किए गए बदलाव

जन्म प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं : पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र देने की जरूरत होती थी। इसके बिना पासपोर्ट के लिए पंजीयन नहीं होता था। अब जन्म तारीख के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक बोर्ड से जारी की गई मार्कशीट, स्कूल की टीसी, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड को भी जन्म प्रमाण पत्र के रूप में जमा किया जा सकता है।

पिता का नाम देना जरूरी नहीं : सिंगल पैरेंट भी अपने बच्चे के लिए पासपोर्ट का आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें पिता का नाम देना जरूरी नहीं है। स्पेशल कमेटी ने सिंगर पैरेंट और गोद लिए गए बच्चों के मामलों को देखते हुए इस फैसले को मंजूरी दी।

शादी या तलाक का सर्टिफिकेट जरूरी नहीं : पासपोर्ट फॉर्म के एनेक्सेस की संख्या 15 से घटाकर नौ कर दी गई है। एनेक्सेस A, C, D, E, J और K को हटा दिया गया है और कुछ को मर्ज कर दिया गया है। इन्हें सादे कागज पर भरकर सेल्फ अटेस्ट कर जमा किया जा सकता है। शादीशुदा लोगों को विवाह प्रमाणपत्र और जिन लोगों का तलाक हो चुका है उन्हें तलाक की डिक्री देना जरूरी नहीं किया गया है। इसके साथ ही पति या पत्नी का नाम देना भी जरूरी नहीं होगा।

अनाथ बच्चों के लिए भी सरल, आधार अनिवार्य : अनाथ बच्चों को भी अब जन्म प्रमाणपत्र देने से छूट मिल गई है। अब सिर्फ अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के प्रमुख के इस बारे में घोषणापत्र देने से ही काम चल जाएगा। वहीं, अब सरकारी कर्मचारी को अपने वरिष्ठों का अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उन्हें खुद का घोषणापत्र देना होगा। पासपोर्ट के लिए सरकार ने अब आधार अनिवार्य कर दिया है।

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