आधार से जारी हो रहे फर्जी सिम, साइबर सेल ने दो जालसाजों को किया गिरफ्तार

Update: 2018-02-15 10:52 GMT
साभार: इंटरनेट।

पेमेंट वॉलेट हैक कर रुपए उड़ाने वाली गैंग के दो बदमाशों को जिला साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। इनसे आधार से लिंक्ड 20 सिम भी मिली हैं। आरोपीयों के नाम विकास सिंह परिहार और प्रिंस सिंह है। इन्होंने कबूला कि वे बड़ी संख्या में आधार से लिंक्ड सिम राजस्थान और ओडिशा के कुछ मोबाइल डीलर्स व रिटेलर्स से मंगवाते थे।

उसके बाद अलग-अलग नाम व पतों से अमेजॉन और अन्य वेबसाइट्स पर फर्जी पेमेंट वॉलेट से सामान खरीदते थे और उसके नहीं मिलने की सूचना देकर इन्हीं साइट्स से पैसे रिफंड ले लेते थे, मंगाए गए सामान को ओएलएक्स पर बेच देते थे। इनके पास से नए मोबाइल भी मिले हैं।

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ऐसे होती थी ऑनलाइन धोखाधड़ी

एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह के मुताबिक पिछले दिनों साइबर सेल ने सोहेल नामक युवक को ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उससे हुई पूछताछ के आधार पर बुधवार को गिरोह के सदस्य विकास सिंह परिहार निवासी शहडोल और प्रिंस कुमार सिंह निवासी इंदौर को गिरफ्तार किया गया।

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विकास आईपीएस एकेडमी से बायोटेक कर रहा है। उसने पूछताछ में बताया कि देश के 22 राज्यों के ठगों ने वाट्सएप पर ओटीपी सेलर, ओटीपी अनलिमिटेड, ओटीपी ग्रुप, अखिल भारतीय ओटीपी संघ सहित ढाई सौ से अधिक ऐसे ग्रुप बना रखे हैं जिन पर फर्जी सिम मिलती हैं। ग्रुप पर ही ऑर्डर कर उड़ीसा और राजस्थान से केवाईसी अपडेटेड सिम मंगवाई थीं।

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