दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर, सरकार ने उठाये ठोस कदम
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही। दिल्ली के साथ-साथ देश के अन्य कई हिस्सों में प्रदूषण बढ़ा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने कहा कि गुरूवार को पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले इस साल अब तक के सर्वाधिक रिकार्ड किये गये और आग लगने की 2100 घटनाएं दर्ज की गई। इससे राष्ट्रीय राजधानी में पहले से ही गंभीर बनी हुई हवा की गुणवत्ता और बिगड़ सकती है। सरकारी एजेंसी सफ़र ने कहा कि दल्लिी की वायु गुणवत्ता शनिवार तक गंभीर श्रेणी में बनी रहेगी। आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं से पैदा हुए जहरीले हालात के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण स्थिति के और अधिक खराब होने की आशंका है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक में आज गुरूवार की अपेक्षा महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। गुरूवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद गंभीर की श्रेणी में पहुंच गया था। शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 642 दर्ज किया गया था। शुक्रवार को वायु सूचकांक गुरूवार की अपेक्षा कम होकर 453 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में है। एजेंसी ने कहा है, उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के अनुसार पिछले 24 घंटों में जबरदस्त आग की कई घटनाएं दर्ज की गयीं। ताजा सफर मॉडल के परिणाम के अनुसार बड़े पैमाने पर भारी हवा दल्लिी की तरफ बह रही है।
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इसका खुलासा करते हुए मौसम का पूर्वानुमान करने वाली प्रणाली ने बताया कि जहां पुआल जलाये जा रहे हैं उन क्षेत्रों के चारों तरफ हवा पहले ही भारी हो चुकी है। इसका कारण नमी और प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का बढ़ना है। यह भारी हवा दिल्ली की ओर जाएगी और यह स्थिति अगले 24 घंटों तक बनी रहेगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भारी और मध्यम वाहनों के प्रवेश पर तीन दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी शुरूआत गुरूवार को रात 11 बजे से हुई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) आलोक कुमार के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में गुरूवार रात 11 बजे से शुक्रवार सुबह छह बजे के बीच 1008 वाहनों को आने की अनुमति दी गयी क्योंकि उनमें जरूरी सामान था। करीब 445 ट्रकों को दल्लिी की सीमा से लौटा दिया गया। एक और अधिकारी ने बताया कि कई ट्रक खुद से दल्लिी में नहीं आए या उन्हें पुलिस ने लौटा दिया।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 दर्ज किया गया जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि गुरुवार से शहर की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है, हालांकि हवा की धीमी गति के कारण हालात में सुधार की गति भी बेहद धीमी रही। सफर ने यह भी बताया कि पराली जलाने के मामलों में कमी से इनसे निकलने वाले धुएं के कारण हवा में पीएम 2.5 प्रदूषकों की मात्रा मामूली रही। सीपीसीबी के आंकड़े के अनुसार दिल्ली में 28 इलाकों में वायु गुणवत्ता ह्यबेहद गंभीरह्ण दर्ज की गयी, जबकि चार इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गयी।
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शुक्रवार को पीएम 2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 303 माइक्रोग्राम-3 दर्ज किया गया जो स्वीकार्य सीमा से तीन गुना है। सफर के अनुसार पीएम 10 (हवा में 10 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर स्वीकार्य सीमा से छह गुणा अधिक यानी 440 माइक्रोग्राम-3 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 से ऊपर पहुंचने पर यह अत्यंत गंभीर और आपात श्रेणी में माना जाता है।
लखनऊ में दिवाली में प्रदूषण हुआ दोगुना
भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान अनुसार, दिवाली में पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर कई गुना तक बढ़ गया, जिसकी वजह से सांस संबंधी बीमारियों के भी बढ़ने की आशंका ज्यादा है. आईआईटीआर द्वारा लखनऊ में 9 जगहों अलीगंज, विकास नगर, इंदिरा नगर, गोमती नगर, चारबाग, अमीनाबाद, चौक, आलमबाग और अमौसी हैं पर प्रदूषण मापा।
आईआईटीआर के रिपोर्ट के मुताबिक सात नवंबर दिवाली की रात पीएम2.5 का स्तर 170 से बढ़कर 679 तक हो गया था। आठ नवंबर को पीएम 2.5 का स्तर 679.1 से 265.6 तक हो गया। इसी तरह पीएम10 का स्तर 262 से 989.5 तक पहुंच गया। वहीं दिवाली के बाद इसका स्तर घट कर 385.6 तक आ गया। आईआईटीआर के दिवाली 2018 के प्रदूषण सर्वे के अनुसार दिवाली के दिन सुबह पीएम 10 का स्तर सबसे अधिक अमीनाबाद क्षेत्र में रहा जो कि 308.6 था, वही रात में पीएम10 का स्तर इंदिरा नगर क्षेत्र में अधिकतम 1285.5 मापा गया। दिवाली से पहले की रात यानी 6 नवंबर को पीएम10 का स्तर विकासनगर में अधिकतम पाया गया जो कि 348.7 था, वहीं दीपावली के बाद 8 नवंबर को अधिकतम स्तर चारबाग में 625.5 रहा।
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पीएम2.5 का स्तर दिन में गोमती नगर में 227.9 रहा, जो कि रात में यह स्तर बढ़कर सबसे अधिक विकासनगर में 879.8 पाया गया। दीपावली से पहले की रात यह स्तर विकासनगर में अधिकतम 239.5 पाया गया। दीपावली के बाद 8 नवंबर को पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर चारबाग में 489.2 पाया गया।
सर्वे में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैसों का भी स्तर मापा गया। इनमें से सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर दिवाली की रात सबसे अधिक अलीगंज में 33.6 पाया गया। वहीं न्यूनतम आलमबाग में 21.9 रहा। इसके अलावा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर सबसे अधिक चारबाग में 122.7 रहा। इसका न्यूनतम स्तर आलमबाग में ही पाया गया जो कि 56.6 रहा।
(इनपुट:भाषा)