मुंबई। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैली हुई है कि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने 10 रुपए के सिक्के पर रोक लगा दी है। इन सिक्कों के चलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दुकानदान और व्यापारी भी कुछ सिक्के लेने से मना कर देते हैं।
रिजर्व बैंक ने कुछ व्यापारियों के सिक्के लेने से मना करने की शिकायतों के मद्देनजर आज कहा कि 10 रुपए के सिक्के के सभी 14 डिजायन वैध हैं। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, रिजर्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि असली-नकली के संदेह के कारण कई जगहों पर लोग व व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से मना कर दे रहे हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि वह चलन में सिर्फ उन्हीं सिक्कों को लाता है जो सरकारी टकसाल में ढाले जाते हैं।
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इन सिक्कों में अलग फीचर्स हैं ताकि ये आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित कर सकें। इन्हें समय-समय पर पेश किया गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि अभी तक 10 रुपए के सिक्के के 14 अलग डिजायन पेश किये गये हैं। ये सभी सिक्के वैध हैं तथा लेन-देन के लिए स्वीकारे जाने योग्य हैं। रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी अपनी सभी शाखाओं में लेन-देन के लिए सिक्के स्वीकृत करने के लिए कहा है।
आरबीआई के मुताबिक, 10 रुपए का सिक्का भारतीय मुद्रा है। इसको लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है। आरबीआई ने सभी बैंकों सहित व्यापारिक संगठनों को भी इस बारे में सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
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(भाषा से इनपुट)