नई दिल्ली (भाषा)। गृह मंत्रालय को महाराष्ट्र में जातीय हिंसा के मद्देनजर मौजूदा स्थिति पर राज्य सरकार की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मिल गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार स्थिति को लेकर लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि मौजूदा स्थिति पर राज्य सरकार की ओर से एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मिली है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार को आश्वस्त किया है कि हिंसा और प्रदर्शनों से निपटने तथा राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। कल प्रदर्शनकारियों ने बसों पर हमला किया, उपनगरीय ट्रेनों को रोक दिया और मुंबई में विभिन्न हिस्सों पर सड़कों को जाम कर दिया। एक जनवरी को हुई हिंसा के विरोध में दलित समूहों द्वारा आहूत किए गए बंद की वजह से राज्य में जगह-जगह जनजीवन प्रभावित हुआ।
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पुणे में एक जनवरी को उस समय हिंसा भड़क उठी थी जब दलित समूह भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह मना रहा था जिसमें ब्रिटिश सेना ने महाराष्ट्र के पेशवाओं को हराया था। दलित नेता ब्रिटिशों की जीत का जश्न इसलिए मनाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में महार समुदाय के सैनिक थे। पेशवा ब्राह्मण थे और इस जीत को दलितों की विजय का प्रतीक माना जाता है।