50 करोड़ का कारोबार करने वाले कंपनियों को मिलेगी सस्ती डिजिटल भुगतान की सुविधा

Update: 2019-07-05 10:56 GMT

लखनऊ। देश में नगदी रहित और डिजिटल लेन देन को बढ़ावा देने की कोशिशों के तहत सरकार ने 50 करोड़ की सालाना कारोबार करने वाले वाले कंपनियों को अपने यहां खरीद की किफायती डिजिटल भूगतान की सुविधा दे सकती है। इसके तहत ऐसे प्रतष्ठिानों या उनके ग्राहकों से कोई डिजिटल भुगतान शुल्क या मर्चेंट डस्किाउंट रेट (एमडीआर) नहीं लिया जाएगा।

50 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों को मिलेगा सुविधा

वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ''ऐसी व्यापारिक कंपनियां जिनका वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक है। वह अपने ग्राहकों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए व्यापारियों एवं ग्राहकों पर कोई अतिरक्ति कर नहीं लगाया जाएगा।''

एक करोड़ से अधिक नकदी निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस

उन्होंने कहा कि एक साल में बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी की निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा। इसके अलवा उन्होंने कहा ''इन प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए आयकर अधिनियम और भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 में आवश्यक संशोधन किये जा रहे हैं।''

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ऑनलाइन पेमेंट एप से डिजिटल भूगतान को दिया जा रहा है बढ़ावा

देश में कम लागत पर भुगतान के लिए भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, एनईएफटी और आरटीजीएस जैसी कई डिजिटल भुगतान व्यवस्थाएं हैं। इन सुविधाओं से नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने के लिए किया जा रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई है कि भारत 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था तक जल्द पहुंच जाएगा। वित्त मंत्री ने इसके लिए बुनियादी ढ़ांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन पर जोर दिया।

  (इनपुट- भाषा)

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