कोरोना से बचने के लिए छत्तीसगढ़ के आदिवासियों ने बनाया पत्तों का मास्क और राख से सैनिटाइजर

Update: 2020-03-25 07:57 GMT

बस्तर (छत्तीसगढ़)। जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही है, ऐसे में लोग डरे हुए हैं, छत्तीसगढ़ के कुछ ऐसे ही इलाके हैं जहां पर कोरोना के डर से पत्ते का मास्क बनाकर पहन रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर जिले के सुदूर आदिवासी बाहुल्य आमाबेड़ा के कुरुटोला गांव में लोगों तक बस इतनी बात पहुंची है कि मास्क लगाने और साबुन से हाथ धुलने से कोरोना के संक्रमण से बच जाएंगे। यहां पर लोग पत्ते का मास्क बनाकर पहन रहे हैं। और राख से हाथ धुल रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार सभी को मास्क पहनने की भी जरूरत नहीं है। और राख से हाथ धुलने से कोरोना को नहीं खत्म किया जा सकता है।


इन्होंने सराई पेड़ के पत्तों से मास्क बनाया है हाथ धोने के लिए चूल्हे की राख काम आ रही है। इसी से वो अपने हाथ की सफाई कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस बीमारी के बारे में वे सुने हैं कि किसी को छूने से ही फैलती है। इसलिए वे ये निर्णय लिया और पूरे गांव के लोग पत्ते का मास्क पहन कर इस कोरोना से जंग लड़ेंगे।

लोगों से ही सुने हैं कि देश में कोरोना वायरस की प्रकोप है और इससे बचने के लिए मुह में मास्क और बार हाथ धोना जरुरी है। लेकिन इस अंदुरनी इलाके में न कोई मेडिकल स्टोर है जहां से वे मास्क खरीद सकें।

सिर्फ इतना ही नहीं लोग अपने गांव को भी लॉक डाउन कर रखा है कोई भी अनजान व्यक्ति इस गांव में नहीं आ सके ग्रामीणों का कहना है कि 21 दिनों तक वे अपने घर में ही रहेंगे। 

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