छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित बासागुडा सीआरपीएफ कैंप में सीआरपीएफ के जवान संतराम ने गोलीवारी करके चार साथी अफसरों और जवानों की जान ले ली। गोलीबारी की इस घटना में एक घायल भी हुआ है। बासगुडा स्थित सीआरपीएफ की 168वीं बटैलियन में हुई इस घटना की डीआईजी पी सुंदरराज ने पुष्टि की और घायल अफसर की हालत को गंभीर बताया।
शनिवार की शाम पांच बजे बासगुडा स्थित सीआरपीएफ की इस बटैलियन में कॉन्स्टेबल संतराम का असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर गजानंद से किसी बात पर झगड़ा हो गया, जिसमें संत कुमार ने सर्विस राइफल से फायरिंग कर दी।
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हालांकि तब तक जानें जा चुकी थीं। लेकिन किसी तरह संत कुमार पर काबू पाया गया। इस घटना में सब इंस्पेक्टर विकी शर्मा, सब इंस्पेक्टर मेघ सिंह, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजबीर और कॉन्स्टेबल जी शंकर रॉव की मौत हो गई। वहीं असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर गजानंद घायल हैं। मृत जवानों के शवों और घायल को बासगुडा से शाम एमआई-17 हेलिकॉप्टर से बीजापुर लाया गया।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
25 दिसंबर 2012 को दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में तैनात सीआरपीएफ बटालियन के जवान दीप कुमार तिवारी ने राइफल से फायरिंग कर अपने चार साथियों की हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी के बाद उसने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
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12 मई 2013 को जगदलपुर संभाग मुख्यालय से करीब 13 किमी दूर बड़े मारेंगा के दूरदर्शन केंद्र में तैनात सीएएफ के जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई थी। इस घटना को शुरू में नक्सली हमला माना जा रहा था। बाद में जांच में पर्दाफाश हुआ था कि भोजन को लेकर विवाद के बाद एक जवान ने फायरिंग कर दी थी।
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